यूरोपीय संघ (EU) में अमरीकी कंपनी और दुनिया के सबसे बड़े सर्चइंज़न गूगल (Google) के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक यूरोपीय अदालत ने सर्चइंजन गूगल के द्वारा एकाधिकार का दुरुपयोग (Antitrust) करने के मामले में गूगल पर लगाए गए $2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर ( 280 करोड़ रुपए) के जुर्माने (fine) को सही ठहाराया. गूगल ने अब एक बड़ी यूरोपीय अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा. गूगल ने कहा है कि अब वो यूरोप की सबसे बड़ी अदालत यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस में जाएगा.
यूरोप की जनरल कोर्ट ने गूगल की शॉपिंग सर्विसेज़ के मामले ( Google Shopping services case) में यूरोपियन कमीशन द्वारा 2017 में दिए गए एक फैसले को पिछले साल नवंबर में सही ठहराया था.
गूगल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "गहन सोच-विचार के बाद हमने जनरल कोर्ट के फैसले के खिलाफ यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस्ट में जाने का फैसला किया है."
$2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर के जुर्माना उस समय यह यूरोपीय संघ की तरफ से लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना था. लेकिन बाद में गूगल के एंड्रॉयड स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के मामले में यूरोपीय संघ ने गूगल पर इससे भी बड़ा जुर्माना लगाया था. यूरोपीय संघ में फिलहाल गूगल तीन बड़े मुकदमों का सामना कर रहा है.
यूरोप में गूगल पिछले 10 साल ज्यादा समय से शॉपिंग सर्विसेज़ के मामले में मुकदमें में फंसा हुआ है. ताजा अपील का फैसला आने में दो साल और लग सकते हैं जिसके कारण यह मामला और लंबा खिंच सकता है. यूरोपियन कमीशन ने इस मामले की जांच 2010 से शुरू की थी.
यूरोप की जनरल अदालत का गूगल की शॉपिंग सर्विसेज़ पर फैसला यूरोप में गूगल के एकाधिकार के खिलाफ लड़ रही मार्ग्रेथ वेस्टागर ( Margrethe Vestager)की बड़ी जीत है. गूगल की शॉपिंग सर्विसेज़ के खिलाफ यूरोप में कई शिकायतें दर्ज हुईं थीं. गूगल पर $2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर का जुर्माना सात साल तक की गई जांच के बाद लगाया गया. कीमतों की तुलना करने वाली एक कंपनी ने गूगल की शॉपिंग सर्विसेज पर आरोप लगाया था कि गूगल के कारण उसका ट्रैफिक घट गया.
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