
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क की नई राजनीतिक पार्टी बनाने की योजना को हास्यास्पद करार दिया है, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी में चिंता बढ़ी है.
- एलन मस्क ने अपनी पार्टी "अमेरिका पार्टी" की घोषणा की है, जो अगले मध्यावधि चुनावों में कुछ कांग्रेस और सीनेट सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
- राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मस्क की पार्टी रिपब्लिकन के लिए एक वाइल्ड कार्ड साबित हो सकती है, खासकर स्विंग जिलों में ट्रंप को झटका दे सकती है.
अमेरिका में दो दोस्त दुश्मन बने हुए हैं. एक दुनिया का सबसे पावरफुल नेता है और दूसरा दुनिया का सबसे अमीर शख्स. बात हो रही है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बिलिनेयर एलन मस्क की. डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क की एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की योजनाओं को "हास्यास्पद" कहकर खारिज कर दिया है. लेकिन मस्क की इस घोषणा ने अमेरिकी कांग्रेस में मामूली बहुमत रखने वाली ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.
राष्ट्रपति ट्रंप के "बिग ब्यूटीफूल" टैक्स और खर्च बिल को लेकर दोनों के बीच मतभेद हो गए हैं. यह बिल पास होकर कानून भी बन गया है और एलन मस्क का दावा है कि इस कानून से अमेरिकी सरकार का घाटा बढ़ जाएगा. कानून पास होने के पहले ही एलन मस्क नई “अमेरिकी पार्टी” बनाने की चेतावनी दे रहे थे और कानून के पास होते उन्होंने इस पार्टी के गठन की घोषणा भी कर दी.
क्या ट्रंप को मस्क की पार्टी देगी डेंट?
रिपब्लिकन कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार और पूर्व-खुफिया अधिकारी, राजनीतिक विश्लेषक मैट शोमेकर ने कहा, "एलन मस्क की अमेरिका पार्टी एक वाइल्ड कार्ड है जो 2026 में मध्यावधि चुनाव को उलट सकती है, खासकर रिपब्लिकन पार्टी के लिए." उन्होंने कहा कि कांग्रेस (अमेरिका का लोकसभा) में रिपब्लिकन के पास मामूली बहुमत है और इसलिए उसे राजनीति में एलन मस्क की पार्टी की एंट्री से चिंतित होना चाहिए.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने जून में एक सोशल मीडिया पर एक पोल चलाकर कई हफ्तों तक एक नई पार्टी के विचार को छेड़ा था. इस पोल में 56 लाख लोगों ने जवाब दिया और उनमें से 80 प्रतिशत लोगों ने एलन मस्क की नई पार्टी बनाने के विचार का समर्थन किया.
अमेरिका में इससे पहले भी कई पार्टियां बनी और उन्होंने तीसरा विकल्प बनने की कोशिश की. लेकिन उनके विपरित एलन मस्क की पार्टी के पास लगभग असीमित संसाधन होंगे. उसके पास युवा अमेरिकी पुरुषों के एक बड़े समूह का समर्थन होगा जो एलन मस्क को विलक्षण प्रतिभा और एक सुपरस्टार के रूप में देखते हैं.
एलन मस्क के लिए राजनीति इतनी भी आसान नहीं होगी
एलन मस्क के पास $405 बिलियन की अनुमानित व्यक्तिगत संपत्ति है. ट्रंप के 2024 के चुनावी कैंपेन पर $277 मिलियन खर्च करके मस्क ने पहले ही प्रदर्शित कर दिया है कि वह राजनीति पर बड़ा खर्च करने को तैयार हैं.
लेकिन सवाल है कि क्या सिर्फ पैसे के दम पर राजनीतिक सफलता पाई जा सकती है? उन्होंने विस्कॉन्सिन की राजनीति में हाल ही कदम रखा था. उन्होंने राज्य के सुप्रीम कोर्ट में अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए 20 मिलियन डॉलर खर्च किए थे लेकिन उनका उम्मीदवार नहीं जीत सका. इस हार ने राजनीति में धन और सेलिब्रिटी स्टेट्स की सीमाओं को रेखांकित किया है.
और इसके अलावा राजनीतिक सफलता केवल टेक्नोलॉजी पसंद करने वाले युवाओं का वोट हासिल करके नहीं पाई जा सकती. एलन के सामने अमेरिका के गांवों में उन मतदाताओं के बीच समर्थन बनाने की राजनीतिक कठिनाई है जो मस्क के सिलिकॉन वैली वाले "टेक ब्रो" का हिस्सा नहीं हैं.
एलन मस्क को टाइम पत्रिका ने 2021 पर्सन ऑफ द ईयर बनाया था. एक समय उन्हें अमेरिकियों के बड़े तबके द्वारा पसंद किया जाता था, लेकिन जबसे वो ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रपति के यार बने हैं, उनके छंटनी विभाग को लीड किया है, जनता के बीच उनके समर्थन में गिरावट आई है.
मैरीलैंड के वाशिंगटन कॉलेज में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर फ्लेवियो हिकेल ने कहा, "हालांकि आप जनरलाइज नहीं कर सकते हैं, लेकिन आज के राजनीतिक माहौल में रिपब्लिकन पार्टी का आधार और MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) आंदोलन काफी हद तक अविभाज्य हैं. (यानी दोनों को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता है.) हाल के विवादों के बावजूद ट्रंप के लिए इन वोटों का समर्थन अटूट रहा है. अगर मस्क कोई राजनीतिक परियोजना शुरू करते हैं तो यह कल्पना करना कठिन है कि वो डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने वाले व्यक्तियों के वोट छीन लेंगे."
अमेरिका में तीसरी पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहा है?
अमेरिका में कई रिपब्लिकन और डेमोक्रेट नेता स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भले जीते हैं लेकिन आधुनिक अमेरिका के इतिहास में तीसरी पार्टी की जीत दुर्लभ रही है. 1970 के दशक में न्यूयॉर्क राज्य की कंजर्वेटिव पार्टी और 1930 के दशक में फार्मर-लेबर पार्टी पिछली शताब्दी में सीनेट सीटें जीतने वाली एकमात्र छोटी पार्टियां हैं.
20वीं सदी की शुरुआत में छोटे दलों को सदन में अधिक सफलता मिली लेकिन 1950 के दशक के बाद से उन्होंने केवल एक सीट ही जीती है. न्यूज एजेंसी AFP ने कई विश्लेषकों से बात की, जिन्होंने तीसरे पक्ष के उम्मीदवारों के सामने आने वाली कई बाधाओं की ओर इशारा किया. इनमें न्यूनतम हस्ताक्षर (समर्थन में साइन लाना) की आवश्यकताएं, फाइलिंग शुल्क और उम्र, निवास और नागरिकता पर अन्य कठिन राज्य-दर-राज्य बनाए नियम शामिल हैं.
विश्लेषक इस बात से सहमत हैं कि कांग्रेस में सीटें जीतना एक कठिन काम हो सकता है, लेकिन उनका कहना है कि मस्क रिपब्लिकन पार्टी के मौजूदा सांसदों को अपने पाले में करके या चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप के उम्मीदवारों के विरोध में जो खड़े हों, उनको फंड देकर ट्रंप को दर्द पहुंचा सकते हैं।
PR फर्म रेड बैनियन के फाउंडर और CEO इवान नीरमैन ने कहा, "एलन की पार्टी सीटें नहीं जीत पाएगी, लेकिन इससे रिपब्लिकन को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.. स्विंग स्टेट्स में, राइट (रिपब्लिकन पार्टी) ओर से निकाले गए कुछ वोट भी नियंत्रण को पलट सकते हैं."
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