
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
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सात लोगों को शनिवार को सुनाई गई मौत की सजा.
आरोपियों ने 2012 से अप्रैल 2016 तक आतंकवादी हमलों में हिस्सा लिया था.
कुछ आतंकवादी 2015 के फरवरी तक लीबिया में काम कर रहे थे.
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काहिरा फौजदारी अदालत ने इस फैसले पर गैर-बाध्यकारी इस्लामिक कानूनी राय के लिए देश के सर्वोच्च धार्मिक प्राधिकरण, ग्रैंड मुफ्ती को आतंकवादी समूह के सात सदस्यों की फाइलें भेजी हैं.
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अदालत में न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी उग्रवादियों ने काहिरा, अलेक्जेंड्रिया, मरास माट्रोह और मिस्र के बाहर 2012 से अप्रैल 2016 तक आतंकवादी हमलों में हिस्सा लिया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मिस्र के 21 कॉप्ट्स की हत्या में भी शामिल कुछ आतंकवादी 2015 के फरवरी तक लीबिया में काम कर रहे थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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