
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि वह पड़ोसी देश अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी में सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन उनके देश में अमेरिकी ड्रोन हमले अवश्य रुकने चाहिए, क्योंकि यह संप्रभुता का उल्लंघन है और कतई स्वीकार्य नहीं है।
शरीफ के कार्यालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है, ड्रोन हमले हमारी संप्रभुत्ता और साथ ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं। ड्रोन हमले अवश्य रुकने चाहिए। हमने कई बार विरोध किया है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पाकिस्तान-अफगानिस्तान से गठबंधन सैनिकों की वापसी में सहयोग को तैयार है और उम्मीद करता है कि अगले साल अमेरिकी तथा गठबंधन बलों की वापसी के बाद अफगान सेना तथा सुरक्षा बल हालात को संभालने में सक्षम होंगे।
शुक्रवार को उत्तरी वजीरिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले पर विरोध जताने के लिए अमेरिकी दूतावास के प्रभारी रिचर्ड होगलांद को विदेश कार्यालय में तलब किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर शरीफ की यह टिप्पणी आई है। विदेश कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विरोध दर्ज कराया गया। ड्रोन हमले पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में एक बड़ा अवरोधक हैं।
हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने यह कहते हुए ड्रोन हमलों को सही ठहराया है कि ये पाकिस्तान के कबाइली इलाके में शरण लिए बैठे तालिबान और अल कायदा आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। शरीफ ने बुधवार को संसद के निचले सदन द्वारा औपचारिक रूप से उन्हें प्रधानमंत्री निर्वाचित किए जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से ड्रोन हमलों की मुखालफत की है।
शरीफ के कार्यालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है, ड्रोन हमले हमारी संप्रभुत्ता और साथ ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं। ड्रोन हमले अवश्य रुकने चाहिए। हमने कई बार विरोध किया है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पाकिस्तान-अफगानिस्तान से गठबंधन सैनिकों की वापसी में सहयोग को तैयार है और उम्मीद करता है कि अगले साल अमेरिकी तथा गठबंधन बलों की वापसी के बाद अफगान सेना तथा सुरक्षा बल हालात को संभालने में सक्षम होंगे।
शुक्रवार को उत्तरी वजीरिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले पर विरोध जताने के लिए अमेरिकी दूतावास के प्रभारी रिचर्ड होगलांद को विदेश कार्यालय में तलब किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर शरीफ की यह टिप्पणी आई है। विदेश कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विरोध दर्ज कराया गया। ड्रोन हमले पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में एक बड़ा अवरोधक हैं।
हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने यह कहते हुए ड्रोन हमलों को सही ठहराया है कि ये पाकिस्तान के कबाइली इलाके में शरण लिए बैठे तालिबान और अल कायदा आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। शरीफ ने बुधवार को संसद के निचले सदन द्वारा औपचारिक रूप से उन्हें प्रधानमंत्री निर्वाचित किए जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से ड्रोन हमलों की मुखालफत की है।
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