पाकिस्तान (Pakistan) में आम चुनाव की तैयारी चल रही है. सभी दलों की तरफ से अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है. डॉ सवीरा प्रकाश (Dr. Saveera Prakash) पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में प्रांतीय चुनाव में हिस्सा ले रही हैं. उन्होंने पख्तूनख्वा के बुनेर जिले में पीके-25 की सामान्य सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है.उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया है.
बताते चलें कि पाकिस्तान में हिंदू एक अल्पसंख्यक समुदाय के तौर पर है. ऐसे में यह पहली बार हो रहा है जब कोई हिंदू महिला पाकिस्तान में चुनाव में उतर रही हो. डॉ सवीरा प्रकाश पेशे से डॉक्टर हैं. एनडीटीवी से बात करते हुए सवीरा ने कहा कि मैंने मेडिकल की पढ़ाई भी आम लोगों के लिए काम करने के लिए ही किया है. सामाजिक उत्थान के लिए किया है.
लड़कियों की साक्षरता को लेकर करूंगी काम
खैबर पख्तूनख्वा में अल्पसंख्यकों की कैसी है हालत और आप अपने इलाके में क्या बदलाव चाहती हैं के सवाल पर सवीरा ने कहा कि मेरा हमेशा से एक फेमिनिस्ट झुकाव रहा है. हमारे क्षेत्र में लड़कियों की साक्षरता दर कुछ कम है. हमारे जिले में महिलाओं की साक्षरता 25 परसेंट के आसपास ही है. बचपन से ही ये मुझे सही नहीं लगा है मैं इसके लिए काम करना चाहूंगी.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात पर क्या कहा?
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी अल्पसंख्यकों को लेकर बहुत ही अधिक समावेशी रही है. हमारी पार्टी में महिलाओं, अल्पसंख्यकों को जगह मिलती रही है. कई लोग इस पीपीपी की टिकट पर चुनाव जीतते रहे हैं. हमारी पार्टी उन सभी वर्गों पर ध्यान दे रही है जो पिछड़े हैं या जिन्हें दबाया गया है.
"ताजमहल देखने के लिए हिंदुस्तान आना चाहूंगी"
हिंदुस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि हमें ताजमहल देखने के लिए हिंदुस्तान जाने की इच्छा है. राम मंदिर को लेकर पूछे गए सवाल पर बचते हुए उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के कारण भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी सुधार आए हैं. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए इससे दोनों ही देशों के रिश्ते में जरूर सुधार होंगे.
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