विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को कहा कि भारत-अमेरिका का संबंध इतना प्रगाढ़ है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी जीते इससे संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा. श्रृंगला ने कहा, "जहां तक अमेरिका की बात है हमारे संबंध बहुत प्रगाढ़ हैं. हमारे ऐसे रिश्ते हैं, जिसे हम समग्र वैश्विक रणनीतिक भागीदारी कहते हैं. दोनों देशों के बीच आपसी हितों वाले कई क्षेत्रों में सहयोग है. भारत को अमेरिका का लगातार समर्थन मिलता रहा है चाहे वहां किसी भी पार्टी का शासन हो. हमें उम्मीद है आगे भी ऐसा ही होगा."
यूरोप के तीन देशों के दौरे के दौरान अंतिम चरण में विदेश सचिव श्रृंगला फिलहाल लंदन में हैं. यूरोप में हमले की घटना के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "संकट के इस समय में हम पूरी तरह यूरोप के साथ हैं. हमारा मानना है कि नस्लवाद और आतंकवाद के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ मिलकर काम करना होगा."
उन्होंने कहा, "हम इसे किसी सिरफिरे का हमला नहीं मानते. कुछ संगठन, समूह और कुछ देश हैं जो इनका समर्थन करते हैं. हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान देखे हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि हमें पश्चिमी देशों को सिखाना होगा कि अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह पेश आया जाए. यह उस देश का बयान है जिसने अपने यहां से अल्पसंख्यकों का सुनियोजित तौर पर सफाया कर दिया."
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चीन के साथ गतिरोध के मुद्दे पर श्रृंगला ने कहा कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता को लेकर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सीमा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने के चीन के प्रयास के कारण द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, "एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने के चीन के प्रयास के कारण हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, "आपको ध्यान रखना होगा कि सीमा को लेकर समान धारणा नहीं है, फिर भी आप बदलाव करना चाहते हैं तो इससे बृहद संबंधों पर असर पड़ता है. हम चिंतित हैं कि चीन ने यह कदम उठाया."
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