
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 23 अप्रैल को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की पर निशाना साधा. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि जेलेंस्की क्रीमिया पर रूसी कब्जे को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं और इस वजह से यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने के लिए समझौता नहीं हो पा रहा है. ट्रंप ने दाा किया कि युद्ध खत्म करने का समझौता "बहुत करीबी" था, और मॉस्को के साथ डील प्रभावी रूप से पूरी हो गई थी लेकिन क्रीमिया देने से इनकार करते जेलेंस्की के साथ बातचीत करना "कठिन" साबित हो रहा था. इसका जवाब जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दिया. उन्होंने 2018 में ट्रंप के तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जारी "क्रीमिया घोषणा" शेयर किया, जिसमें कहा गया था कि वाशिंगटन "क्रीमिया पर रूस के कब्जे के प्रयास को खारिज करता है."
जब दोनों नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे, उसी समय यूक्रेनी अधिकारियों ने कीव पर "दुश्मन मिसाइल" हमले के लिए अलर्ट जारी किया. इसके बाद राजधानी भर में विस्फोटों की आवाज सुनी गई. शहर के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि तीन साल के बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, बाद में बताया गया कि कम से कम 21 लोग घायल हुए हैं.
ट्रंप ने जेलेंस्की पर क्या आरोप लगाए हैं?
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "संघर्ष को समाप्त करने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति द्वारा अमेरिकी शर्तों को स्वीकार करने से इनकार करना 'हत्या क्षेत्र' (किलिंग फिल्ड) को लम्बा खींचने के अलावा कुछ नहीं करेगा."
उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा, "मुझे लगता है कि हमने रूस के साथ एक समझौता किया है. हमें जेलेंस्की के साथ एक समझौता करना होगा.. मैंने सोचा कि जेलेंस्की से डील आसान हो सकता है. अब तक यह कठिन रहा है."
लेकिन जेलेंस्की ने इसे यूक्रेन के संविधान का उल्लंघन बताते हुए खारिज कर दिया है. इसके बाद ट्रंप ने नाराजगी जताई, जिसमें उन्होंने जेलेंस्की पर "भड़काऊ" होने और "रूस के साथ शांति वार्ता के लिए बहुत हानिकारक" रुख अपनाने का आरोप लगाया. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, "जेलेंस्की शांति पा सकते हैं या, वह पूरे देश को खोने से पहले अगले तीन साल तक लड़ सकते हैं."
यूक्रेन के लिए क्यों अहम है क्रीमिया?
क्रीमिया पर यह संघर्ष एक दशक से भी अधिक समय से चला आ रहा है. 2014 में यूक्रेन में रूस समर्थक राष्ट्रपति को कुर्सी से हटा दिया गया था. इसके बाद रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और पूर्वी यूक्रेन में खूनी लड़ाई में उग्रवादियों का समर्थन किया.
अब तक अमेरिका का यह क्लियर स्टैंड रहा है कि क्रीमिया यूक्रेन का संप्रभु क्षेत्र है और रूस का इसपर किसी तरह का कब्जा अवैध है. ऐसा लगता है कि ट्रंप ने नेतृत्व में अमेरिका औपचारिक रूप से क्रीमिया पर रूसी नियंत्रण को मान्यता दे रहा है, जबकि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके सिद्धांतों का उल्लंघन है जिसे अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद से लागू रखने का मार्ग प्रशस्त किया है. यह चार्टर साफ कहता है कि सीमाओं को बल द्वारा नहीं बदला जाना चाहिए.
यूक्रेन ने लंबे समय से कहा है कि वह 2014 में रूस द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए दक्षिणी प्रायद्वीप क्रीमिया को नहीं छोड़ेगा. क्रीमिया पर रूस के अवैध कब्जे को मान्यता देना जेलेंस्की के लिए न केवल राजनीतिक रूप से असंभव होगा, बल्कि यह युद्ध के बाद के अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानदंडों (UN चार्टर) के विपरीत भी होगा कि सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए. जेलेंस्की ने लगातार इस सुझाव को खारिज कर दिया है कि यूक्रेन क्रीमिया प्रायद्वीप पर अपना दावा छोड़ेगा.
(इनपुट- एएफपी)
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