विज्ञापन
This Article is From Jul 13, 2017

व्हाइट हाउस में हिलेरी क्लिंटन को देख ज्यादा खुश होते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनः ट्रंप

ट्रंप ने कहा कि वह और उनके रूसी समकक्ष दोनों अपने-अपने देशों के हितों की सुरक्षा कर रहे हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर दोनों के बीच सहयोग की गुंजाइश है.

व्हाइट हाउस में हिलेरी क्लिंटन को देख ज्यादा खुश होते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनः ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
वैश्विक स्तर पर दोनों देशों के बीच सहयोग की गुंजाइश है: ट्रंप
सीरिया जैसे मामले में हमें मिलकर काम करना चाहिए
पुतिन के साथ हुई ट्रंप की बैठक दो घंटे 15 मिनट चली
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि देश में पिछले साल हुए आम चुनाव में उनकी विपक्षी डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अगर जीत दर्ज करती तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अधिक खुश होते. क्योंकि ऐसा होने से अमेरिका कमजोर हो गया होता. जी20 शिखर सम्मेलन के इतर जर्मनी के हैम्बर्ग में पुतिन के साथ पिछले सप्ताह हुई पहली बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि वह और उनके रूसी समकक्ष दोनों अपने-अपने देशों के हितों की सुरक्षा कर रहे हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर दोनों के बीच सहयोग की गुंजाइश है.

उन्होंने इंटरव्यू में कहा, ‘हम दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश हैं और हम और अधिक शक्तिशाली हो रहे हैं, क्योंकि मैं सैन्य शक्ति को प्राथमिकता देता हूं. उदाहरण के तौर पर, अगर हिलेरी जीतीं होतीं तो हमारी सेना नष्ट हो गई होती. हमारी ऊर्जा की बहुत अधिक महंगी होती. पुतिन को मेरी यह बात पसंद नहीं.’ ट्रंप ने कहा, ‘इसलिए मैं कहता हूं कि वह मुझे क्यों पसंद करेंगे? मैं पहले ही दिन से मजबूत सेना चाहता हूं और वह ऐसा देखना नहीं चाहते.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पहले ही दिन से ऊर्जा की कीमत कम करना चाहता हूं और बड़ी मात्रा में इसका निर्माण करना चाहता हूं.

हम आत्मनिर्भर होंगे और ऊर्जा निर्यात करेंगे. वह यह नहीं चाहते.’ ट्रंप ने कहा, ‘वह (पुतिन) वे चीज चाहते हैं जो रूस के लिए अच्छी है. मैं अमेरिका की बेहतरी चाहता हूं. मेरा मानना है कि सीरिया जैसे मामले में हम मिलकर काम कर सकते हैं. इसके अलावा हम और भी कई मामलों पर मिलकर काम कर सकते हैं.’ उन्होंने पुतिन के साथ हुई उनकी बैठक के बारे में कहा, ‘कभी-कभी आपकी किसी बात पर सहमति नहीं बनती और कभी-कभी सहमति बनेगी लेकिन हमारी बैठक अच्छी रही. यह दो घंटे 15 मिनट चली. हर कोई इस बात से हैरान था कि बैठक इतनी लंबी चली लेकिन यह बुरी नहीं बल्कि अच्छी बात है.’

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: