डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. ट्रंप ने कई कार्यकारी निर्णयों की घोषणा की और कहा कि अमेरिका का ‘स्वर्ण युग' अभी से शुरू होता है. ट्रंप के शपथ ग्रहण के कुछ ही वक्त बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता ‘अमेरिका प्रथम' है और इसमें अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाना, देश को किफायती बनाना, ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना और अमेरिकी मूल्यों को फिर से स्थापित करना शामिल है. साथ ही कहा कि वह सीमा को सुरक्षित करने और अमेरिकी समुदायों की रक्षा करने के लिए साहसिक कदम उठाएंगे.
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इसमें बाइडन की ‘पकड़ो और छोड़ो नीतियों' को समाप्त करना, मैक्सिको में बने रहने की नीति को बहाल करना, दीवार का निर्माण करना, अवैध सीमा पार करने वालों के लिए शरण समाप्त करना, आपराधिक शरणगाहों पर नकेल कसना और विदेशियों की जांच और जांच बढ़ाना शामिल है.
सीमा पार करने की समस्या का निकालेंगे समाधान
राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा, “ट्रंप का निर्वासन अभियान पिछले प्रशासन के तहत आपराधिक विदेशियों के रिकॉर्ड स्तर पर सीमा पार करने की समस्या का समाधान निकालेगा. राष्ट्रपति शरणार्थियों के पुनर्वास की नीति को भी समाप्त कर रहे हैं जिससे समुदाय की सुरक्षा और संसाधनों पर दबाव पड़ रहा था.''
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नेशनल गार्ड सहित सशस्त्र बल सीमा सुरक्षा में शामिल होंगे, और मौजूदा कानून प्रवर्तन कर्मियों की सहायता के लिए सीमा पर तैनात किए जाएंगे.
कई संगठनों को आतंकी संगठन घोषित करेंगे
व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप खतरनाक ‘ट्रेन डी अरागुआ' सहित अन्य ऐसे संगठनों को विदेशी आतंकवादी संगठनों घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और उन्हें हटाने के लिए ‘विदेशी शत्रु अधिनियम' का उपयोग करेंगे.
व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के तहत न्याय विभाग मानवता के खिलाफ जघन्य अपराधों के लिए उचित सजा के रूप में मृत्युदंड की मांग करेगा, जिसमें कानून प्रवर्तन अधिकारियों की हत्या करने वाले और अमेरिकियों को अपंग करने और उनकी हत्या करने वाले अवैध प्रवासी शामिल हैं.
जलवायु परिवर्तन की नीतियों पर यह कहा
इसके साथ ही ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति बाइडन की जलवायु नीतियों को समाप्त करने के साथ ही गैर-ईंधन खनिजों के खनन और प्रसंस्करण सहित ऊर्जा उत्पादन और उपयोग पर अनुचित बोझ डालने वाले सभी नियमों की समीक्षा करेंगे.
व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर करेंगे.
व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश विभाग की विदेश नीति ‘अमेरिका-प्रथम' होगी और अमेरिकी स्थलों का नाम देश के इतिहास को उचित सम्मान देते हुए रखा जाएगा.''
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