डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने कई संदेश दिए हैं. कुछ देशों के लिए यह संदेश अच्छे नहीं हैं, खासतौर पर चीन के लिए. दरअसल, ट्रंप ने अपने पहले ही भाषण में पनामा नहर को लेकर चीन को खूब सुनाया है. ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को खासतौर पर अपने शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि जिनपिंग ने शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए. अब जब जिनफिंग यह भाषण सुन रहे होंगे तो जरूर उन्हें लग रहा होगा कि अच्छा हुआ कि वह नहीं पहुंचे.
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अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के ठीक बाद डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पनामा नहर को वापस लेने के लिए फिर हुंकार भरी. उनके भाषण के इस हिस्से में चीन पर सीधा निशाना था. अपने शपथ ग्रहण के संबोधन में ट्रंप ने अमेरिकियों से वादा किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका पानामा नहर को वापस लेगा. ट्र्ंप ने आरोप लगाया कि चीन ने इस जलमार्ग पर नियंत्रण हासिल कर लिया है.
पनामा नहर को वापस ले रहे हैं: ट्रंप
ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, 'हमने इसे चीन को नहीं दिया है. हमने इसे पनामा को दिया था और हम इसे वापस ले रहे हैं' ट्रंप ने कहा कि पनामा नहर के बनाने में अमेरिका ने कई जानें गंवाई हैं. अरबों खर्चे हैं.
निश्चित रूप से दुनिया में चीन के बढ़ते दबदबे से अमेरिका भी सतर्क है और वो नहीं चाहता है कि चीन इसमें कामयाब हो. ऐसे में साफ है कि ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में लौटने का सीधा फायदा चाहे किसी को भी हो, चीन को नुकसान होना तय है.
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