
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के लिए प्यार अचानक से परवान चढ़ता दिख रहा है.
- ट्रंप एक तरफ भारत पर टैरिफ लगा रहे और दूसरी तरफ आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान के साथ संबंधों बेहतर कर रहे.
- पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर दो महीने के अंदर दूसरी बार अमेरिका का दौरा करने जा रहे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम अचानक से परवान चढ़ता दिख रहा है. एक तरफ ट्रंप भारत पर टैरिफ मिसाइल गिरा रहे हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर दो महीने में दूसरी बार अमेरिका का दौरा करने जा रहे हैं. जनरल असीम मुनीर यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा करने जा रहे हैं. पाकिस्तान के डॉन अखबार ने यह रिपोर्ट छापी है.
मुनीर की यह यात्रा इस्लामाबाद और वाशिंगटन, डीसी के बीच संबंधों के गहरा होने का संकेत देती है. यह यात्रा ट्रंप के टैरिफ वॉर को लेकर अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच हो रही है. पाकिस्तान के साथ ट्रंप ने व्यापार समझौते किया है, जिसके तहत उन्होंने इस्लामाबाद केवल 19 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और इसके तेल भंडार का पता लगाने की योजना बनाई है.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि भारत से सैन्य संघर्ष में मुंह की खाने के बाद फील्ड मार्शल का तमगा पा चुके असीम मुनीर इसी सप्ताह अमेरिका जाएंगे और अमेरिकी सेना के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे. CENTCOM के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला ने जुलाई की आखिर में ही पाकिस्तान की यात्रा की थी और अब उनके फेयरवेल में शामिल होने के लिए मुनीर अमेरिका जा रहे हैं.
जून में मुनीर ने ट्रंप के साथ किया था लंच
18 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस के अंदर एक साथ लंच किया था. मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा था कि मुनीर से मिलना उनके लिए सम्मान की बात थी.यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने वरिष्ठ नागरिक अधिकारियों के बिना ही व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख की मेजबानी की थी. राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, दोनों के बीच यह मुलाकात कैबिनेट रूम में हुई. इस दौरान प्रेस को वहां रहने की परमिशन नहीं दी गई थी.
इसमें सबसे बड़ी बात यह थी कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख की ट्रंप से यह मुलाकात भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के कुछ हफ्तों बाद हुई थी. पाकिस्तान के आतंकियों ने पहलगाम में 26 मासूम लोगों को मौत के घाट उतारा था और भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तानी आतंकियों और उसे पालने वाली पाकिस्तानी सेना को उसी की भाषा में माकूल जवाब दिया था. जब पूरी दुनिया पहलगाम के कायराना और घिनौने हमले के लिए पाकिस्तान की आलोचना कर रही थी, तब ट्रंप पाकिस्तान आर्मी चीफ के साथ लंच कर रहे थे.
राष्ट्रपति ट्रंप खुश थे क्योंकि पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आधिकारिक रूप से नॉमिनेट किया था. पाकिस्तान भी ट्रंप के उस झूठ पर हामी भर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर उन्होंने ही कराया है. ट्रंप ने तो संघर्ष को कम करने में जनरल मुनीर की भूमिका की सराहना करते हुए कहा था, "मेरे उन्हें यहां बुलाने का कारण यह था कि मैं युद्ध में न जाने और इसे खत्म करने के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता था..."
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