डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो और यूरोपीय संघ के नेताओं से गुरुवार को ब्रसेल्स में मुलाकात की. एक समय था जब उन्होंने इस शहर को 'नरक' बताया था. चिंतित सहयोगी अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से दृढ़ संकल्प की उम्मीद लगाए बैठे हैं. ट्रंप का उनके पहले विदेशी दौरे पर उन्हीं संगठनों की ओर से भव्य स्वागत किया जा रहा है जिनकी प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने खूब खिल्ली उड़ाई थी और इस वजह से अटलांटिक पार के संबंधों को लेकर चिंता उपजी थी.
वे बुधवार को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच उच्चस्तरीय बैठकों में शामिल होने के लिए ब्रसेल्स पहुंचे. ब्रिटेन के मैनचेस्टर में पॉप कंसर्ट में हुए हमले ने इन बैठकों की चमक को फीका कर दिया है. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है.
नेताओं को उम्मीद है कि वे ट्रंप को इस पर विश्वास दिला सकेंगे कि ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संघ और नाटो का महत्व हमेशा बना रहेगा. माना जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में इन्हीं संगठनों के प्रयासों से शांति कायम है.
इस्लामी आतंकवाद से निपटने में नाकामी के चलते ट्रंप ने नाटो को बेकार बताया था. इसके अलावा 28 देशों के समूह यूरोपीय संघ को छोड़ने के ब्रिटेन के फैसले को समर्थन देकर इस संगठन को भी सतर्क कर दिया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वे बुधवार को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच उच्चस्तरीय बैठकों में शामिल होने के लिए ब्रसेल्स पहुंचे. ब्रिटेन के मैनचेस्टर में पॉप कंसर्ट में हुए हमले ने इन बैठकों की चमक को फीका कर दिया है. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है.
नेताओं को उम्मीद है कि वे ट्रंप को इस पर विश्वास दिला सकेंगे कि ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संघ और नाटो का महत्व हमेशा बना रहेगा. माना जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में इन्हीं संगठनों के प्रयासों से शांति कायम है.
इस्लामी आतंकवाद से निपटने में नाकामी के चलते ट्रंप ने नाटो को बेकार बताया था. इसके अलावा 28 देशों के समूह यूरोपीय संघ को छोड़ने के ब्रिटेन के फैसले को समर्थन देकर इस संगठन को भी सतर्क कर दिया था.
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