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मैंने अपने पत्ते खोले तो चीन बर्बाद हो जाएगा... ट्रंप यह क्या बोल गए

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका जब चाहे तब चीन को "नष्ट" कर सकता है. हालांकि साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका दूसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था चीन के साथ "महान संबंध" बनाए रखेगा.

मैंने अपने पत्ते खोले तो चीन बर्बाद हो जाएगा... ट्रंप यह क्या बोल गए
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपित शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के खिलाफ ऐसे महत्वपूर्ण पत्ते होने का दावा किया जो चीन को नष्ट कर सकते हैं.
  • ट्रंप ने कहा कि वे चीन के साथ महान संबंध बनाए रखना चाहते हैं और उन पत्तों का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
  • ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर इस साल या उसके बाद बीजिंग यात्रा करने पर विचार कर रहे हैं.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उनके पास चीन के खिलाफ ऐसे "अविश्वसनीय पत्ते" हैं कि यदि वह उनका इस्तेमाल करें तो वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को "नष्ट" कर सकते हैं. हालांकि साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका दूसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था चीन के साथ "महान संबंध" बनाए रखेगा. ट्रंप का यह बयान भारत रूसी तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ शुरू होने की समय सीमा से एक दिन पहले आया है.

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ बैठक से पहले व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, "हम चीन के साथ बहुत अच्छे संबंध बनाने जा रहे हैं... उनके पास कुछ कार्ड हैं. हमारे पास अविश्वसनीय कार्ड हैं, लेकिन मैं उन कार्डों को नहीं खेलना चाहता. अगर मैं उन कार्डों को खेलता हूं, तो यह चीन को नष्ट कर देगा. मैं उन कार्डों को नहीं खेलने जा रहा हूं."

अमेरिकी नेता ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका इशारा आर्थिक, राजनीतिक या रणनीतिक पत्ते, किसकी ओर था. इसके बाद उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी हालिया बातचीत के बारे में बात की और कहा कि वह बीजिंग की यात्रा पर विचार कर रहे हैं.

ट्रंप ने कहा, ''किसी समय, शायद इस साल के दौरान या उसके तुरंत बाद, हम चीन जाएंगे.'' उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें निमंत्रण दिया है.

गौरतलब है कि ट्रंप के टैरिफ वॉर ने अमेरिका-चीन संबंधों को डेंट पहुंचाया था. वाशिंगटन ने अप्रैल में चीनी आयात पर शुल्क 145 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है. चीन की रेयर अर्थ मेटल्स वाली नीति पर भी तनाव बढ़ गया. ट्रंप ने धमकी दी कि यदि बीजिंग अमेरिका को मैग्नेट की आपूर्ति नहीं करता है, तो वाशिंगटन "200 प्रतिशत टैरिफ या कुछ और" लगा सकता है.

लेकिन बाद में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच वार्ता होने लगी. यहां तक ​​कि जब इस महीने की शुरुआत में ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को फिर से हिलाकर रख दिया, तब भी दोनों देशों ने 12 अगस्त को अपने व्यापार युद्धविराम को अगले 90 दिनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया. इससे वार्ताकारों को बीच का रास्ता खोजने के लिए अधिक समय मिल गया.

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