
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रक्षा विभाग का नाम बदलकर युद्ध विभाग करने के लिए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया
- ट्रंप ने कहा कि नया नाम दुनिया को जीत का संदेश देता है और मौजूदा नाम बहुत अस्पष्ट था.
- वॉर डिपार्टमेंट का नाम 1789 से 1947 तक आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल होता रहा है, जो पुनः लागू किया जाएगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस) का नाम बदलकर युद्ध विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ वॉर) कर दिया है. ट्रंप ने इसके लिए शुक्रवार, 5 सितंबर को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया. उन्होंने अपने फैसले पर मुहर लगाने के बाद कहा कि इस फैसले ने बाकी दुनिया को "जीत का संदेश" भेजा है.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के हेडक्वाटर को पेंटागन के नाम से जाना जाता है. व्हाइट हाउस में जब ट्रंप ने इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर ऑर्डर पर साइन किया तब उनके साथ पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ भी मौजूद थे. रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा नाम, जो 70 साल से अधिक समय से चला आ रहा था, वह बहुत "अस्पष्ट" था.
यह नाम ‘युद्ध विभाग/ वॉर डिपार्टमेंट' की याद दिलाता है. वॉर डिपार्टमेंट टाइटल का इस्तेमाल 1789 यानी ब्रिटेन से आजादी के ठीक बाद से लेकर 1947 तक, द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद तक इस्तेमाल किया गया था. यानी 150 से अधिक वर्षों तक वॉर डिपार्टमेंट नाम का ही इस्तेमाल कर सकते हैं.
आधिकारिक तौर पर नाम नहीं बदला
असल में ट्रंप औपचारिक रूप से कांग्रेस की मंजूरी के बिना पेंटागन का नाम नहीं बदल सकते हैं. लेकिन ट्रंप ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. 79 साल के राष्ट्रपति ने जो नया आदेश पारित किया है, उसके अनुसार नए लेबल- डिपार्टमेंट ऑफ वॉर का उपयोग "सेकेंडरी टाइटल" के रूप में किया जाएगा.
अब ट्रंप को देखिए. उन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में जीत के बाद से अमेरिका के सैन्य दुस्साहस (मिलिट्री मिसएडवेंचर) के लिए इसे ‘डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस' कहने के निर्णय को भी जिम्मेदार ठहराते नजर आए. यह नाम इसे 1949 में मिला था.
ट्रंप ने कहा, "हम हर युद्ध जीत सकते थे, लेकिन हमने वास्तव में राजनीतिक रूप से बहुत सही या वोकी होना चुना."
ऐसे मिलेगा नोबेल?
ट्रंप के "डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस" नाम रखने के फैसले को नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के उनके सपने के साथ विरोधाभास के रूप में भी देखा जा सकता है. वह लगातार झूठे दावे करते रहे हैं कि उन्होंने कई संघर्षों को समाप्त करने में भूमिका निभाई है- उन्होंने तो छह और सात युद्ध समाप्त करने का श्रेय खुद को दिया है.
डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस कदम को अरबपति राष्ट्रपति का महंगा राजनीतिक स्टंट बताया है.
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