
- इजरायल के पीएम नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बैठक 7 जुलाई को होगी.
- ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच समझौते की उम्मीद जताई है, जिसमें बंधकों की रिहाई शामिल है.
- इजरायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता दोहा में शुरू हुई, जिसका लक्ष्य युद्धविराम और बंधकों के बदले रिहाई है.
- नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ मुलाकात समझौते को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है.
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सोमवार, 7 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. व्हाइट हाउस में होने जा रही इस बैठक से पहले ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच "इस सप्ताह एक समझौते" की उम्मीद जताई है, जिसमें गाजा पट्टी से बंधकों को रिहा किया जाएगा.
इजराइल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता रविवार शाम को दोहा में शुरू हो गई, जिसका उद्देश्य युद्धविराम (सीजफायर) कराना और फिलिस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की रिहाई पर एक समझौते पर पहुंचना था. ट्रंप ने रविवार को कहा कि किसी समझौते पर पहुंचने का 'अच्छा मौका' है.
पीएम नेतन्याहू ने रविवार को वाशिंगटन के लिए अपनी फ्लाइट में चढ़ने से पहले कहा कि ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात "निश्चित रूप से इस समझौते को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है".
अमेरिकी राष्ट्रपति लगभग दो साल के युद्ध के बाद मानवीय संकट में फंसे गाजा पट्टी में संघर्ष विराम पर जोर दे रहे हैं. नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने "स्पष्ट निर्देशों" के साथ टीम को दोहा भेजा है. यह टीम समझौते के लिए उन शर्तों की जानकारी हमास को देगी जिनपर इजरायल सहमत हुआ है.
उन्होंने इससे पहले जानकारी दी थी कि कतरी और मिस्र के मध्यस्थों के जरिए दोहा में बात हुई. लेकिन अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव के मसौदे पर हमास की ओर से जो प्रतिक्रिया आई, उसमें "अस्वीकार्य" मांगें शामिल थीं.
इजरायल ने क्या प्रस्ताव दिया है?
चर्चा से जुड़े दो फिलिस्तीनी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि प्रस्ताव में 60 दिनों का सीजफायर शामिल है. अगर दोनों ओर से सहमति बनती है तो सीजफायर के दौरान हमास इजरायल द्वारा हिरासत में लिए गए फिलिस्तीनियों के बदले में 10 जीवित बंधकों और कई शवों को रिहा करेगा.
हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि हमास फिलिस्तीन से इजरायल की वापसी के लिए कुछ शर्तों, बातचीत के दौरान लड़ाई फिर से शुरू नहीं करने की गारंटी और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली सहायता वितरण प्रणाली की वापसी की भी मांग कर रहा है.
नए संघर्ष विराम के हालिया प्रयास बार-बार विफल रहे हैं. विवाद का सबसे बड़ा बिंदु यह है कि इजरायल स्थायी युद्धविराम की हमास की मांग को अस्वीकार कर रहा है. इजरायली आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर AFP टैली के अनुसार, हमास के अक्टूबर 2023 के हमले में 1,219 इजरायली लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. वहीं हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमले में गाजा में कम से कम 57,418 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र गाजा के इन आंकड़ों को विश्वसनीय मानता है.
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