कोलंबो:
श्रीलंका ने भारत के साथ वार्षिक द्विपक्षीय रक्षा वार्ता रद्द किए जाने की मीडिया रिर्पोटो का मंगलवार को खंडन किया।
एक सरकारी सूत्र ने अपना नाम गुप्त करने की शर्त पर यहां बताया कि दोनों देशों की रक्षा वार्ता 23 से 25 मार्च तक कोलंबो में आयोजित होनी थी। सूत्र ने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने इसके लिए आधिकारिक कारण देते हुए कहा था कि रक्षा मंत्री को इस दौरान सदन में प्रश्नों का उत्तर देने के लिए नई दिल्ली में रहना होगा। भारतीय अधिकारियों ने वार्ता मध्य अप्रैल में आयोजित करने को कहा था लेकिन सिंहली (तमिल) नववर्ष पर लंबे अवकाश के कारण श्रीलंकाई सरकार के लिए ऐसा करना संभव नहीं था।
सूत्र ने बताया कि दोनों देशों के बीच रक्षा वार्ता अब अप्रैल के अंत में या मई की शुरूआत में होगी। तिथि अभी तय नहीं हुई है।
भारत सरकार पर तमिलनाडु के राजनीतिक दल इस बात का दबाव बना रहे हैं कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (यूएनएचआरसी) में कोलंबो के खिलाफ अमेरिका के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करे। भारतीय मीडिया ने खबर दी थी कि अज्ञात कारणों से वाषिर्क रक्षा वार्ता नहीं होगी और इस बात का संकेत दिया था कि श्रीलंका के खिलाफ यूएनएचआरसी प्रस्ताव के मसले पर तमिलनाडु में पैदा हुई राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
तमिलनाडु में श्रीलंकाई सैन्य बलों को लगातार प्रशिक्षण देने पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) की नाराजगी के कारण केंद्र को कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रम किसी अन्य स्थल पर आयोजित करने पड़े हैं। तमिलनाडु की मांग है कि भारत श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव को और मज़बूत बनाने के लिए अमेरिका पर दबाव बनाए।
एक सरकारी सूत्र ने अपना नाम गुप्त करने की शर्त पर यहां बताया कि दोनों देशों की रक्षा वार्ता 23 से 25 मार्च तक कोलंबो में आयोजित होनी थी। सूत्र ने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने इसके लिए आधिकारिक कारण देते हुए कहा था कि रक्षा मंत्री को इस दौरान सदन में प्रश्नों का उत्तर देने के लिए नई दिल्ली में रहना होगा। भारतीय अधिकारियों ने वार्ता मध्य अप्रैल में आयोजित करने को कहा था लेकिन सिंहली (तमिल) नववर्ष पर लंबे अवकाश के कारण श्रीलंकाई सरकार के लिए ऐसा करना संभव नहीं था।
सूत्र ने बताया कि दोनों देशों के बीच रक्षा वार्ता अब अप्रैल के अंत में या मई की शुरूआत में होगी। तिथि अभी तय नहीं हुई है।
भारत सरकार पर तमिलनाडु के राजनीतिक दल इस बात का दबाव बना रहे हैं कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (यूएनएचआरसी) में कोलंबो के खिलाफ अमेरिका के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करे। भारतीय मीडिया ने खबर दी थी कि अज्ञात कारणों से वाषिर्क रक्षा वार्ता नहीं होगी और इस बात का संकेत दिया था कि श्रीलंका के खिलाफ यूएनएचआरसी प्रस्ताव के मसले पर तमिलनाडु में पैदा हुई राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
तमिलनाडु में श्रीलंकाई सैन्य बलों को लगातार प्रशिक्षण देने पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) की नाराजगी के कारण केंद्र को कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रम किसी अन्य स्थल पर आयोजित करने पड़े हैं। तमिलनाडु की मांग है कि भारत श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव को और मज़बूत बनाने के लिए अमेरिका पर दबाव बनाए।
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