भूकंप के झटके के बाद लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल भागे
इस्लामाबाद / कराची:
दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 264 हो गई है। सैनिक और बचाव दल के लोग हजारों जमींदोज मकानों के मलबों को हटाने के काम में लगे हुए हैं।
बलूचिस्तान के गृह सचिव असद गिलानी ने बताया कि 7.7 की तीव्रता के भूकंप में 264 लोग मारे गए हैं। अकेले अवरान जिले में ही 208 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों का कहना है कि 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं तथा मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि दुर्गम इलाके और सड़कों के अभाव में बचाव दल बलूचिस्तान के कई दूरदराज के इलाकों तक नहीं पहुंच पाए हैं।
शुरुआती अनुमानों के अनुसार भूकंप में 3,00,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बहुत सारे लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंचाई जा सकी है। अधिकारियों ने कहा कि गर्म मौसम के कारण स्थिति ज्यादा विकट हो गई।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अब्दुल मलिक बलूच ने अवारान और पांच अन्य जिलों में आपात स्थिति घोषित की। राहत अभियान में सेना और फ्रंटियर कोर के 300 से अधिक कर्मी पहले ही शामिल हैं।
सैन्य सूत्रों ने कहा कि और कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में रवाना किया गया है। बड़ी संख्या में लोगों को मकानों के मलबों से निकाला गया और घायलों को सेना और फ्रंटियर कोर के चिकित्सकों ने चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई। अवारान जिले में स्थानीय लोगों ने कहा कि शहर में अस्पतालों, विद्यालयों और सरकारी भवनों सहित लगभग सभी इमारतों को नुकसान हुआ है।
7.7 की तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था, लेकिन इसके झटके दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए। हालंकि भारत में इन झटकों से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की ख़बर नहीं है।
बलूचिस्तान में आए भूकंप के बाद ग्वादर इलाके में करीब 40 वर्ग फुट का द्वीप समुद्र से बाहर निकल आया। ग्वादर के डीआइजी के मुताबिक यह द्वीप ग्वादर के तट से करीब 350 फुट दूर है। लोगों के लिए यह एक हैरतअंगेज नजारा है।
बलूचिस्तान के गृह सचिव असद गिलानी ने बताया कि 7.7 की तीव्रता के भूकंप में 264 लोग मारे गए हैं। अकेले अवरान जिले में ही 208 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों का कहना है कि 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं तथा मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि दुर्गम इलाके और सड़कों के अभाव में बचाव दल बलूचिस्तान के कई दूरदराज के इलाकों तक नहीं पहुंच पाए हैं।
शुरुआती अनुमानों के अनुसार भूकंप में 3,00,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बहुत सारे लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंचाई जा सकी है। अधिकारियों ने कहा कि गर्म मौसम के कारण स्थिति ज्यादा विकट हो गई।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अब्दुल मलिक बलूच ने अवारान और पांच अन्य जिलों में आपात स्थिति घोषित की। राहत अभियान में सेना और फ्रंटियर कोर के 300 से अधिक कर्मी पहले ही शामिल हैं।
सैन्य सूत्रों ने कहा कि और कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में रवाना किया गया है। बड़ी संख्या में लोगों को मकानों के मलबों से निकाला गया और घायलों को सेना और फ्रंटियर कोर के चिकित्सकों ने चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई। अवारान जिले में स्थानीय लोगों ने कहा कि शहर में अस्पतालों, विद्यालयों और सरकारी भवनों सहित लगभग सभी इमारतों को नुकसान हुआ है।
7.7 की तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था, लेकिन इसके झटके दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए। हालंकि भारत में इन झटकों से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की ख़बर नहीं है।
बलूचिस्तान में आए भूकंप के बाद ग्वादर इलाके में करीब 40 वर्ग फुट का द्वीप समुद्र से बाहर निकल आया। ग्वादर के डीआइजी के मुताबिक यह द्वीप ग्वादर के तट से करीब 350 फुट दूर है। लोगों के लिए यह एक हैरतअंगेज नजारा है।
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