नई दिल्ली:
डेनमार्क को सख्त संदेश देते हुए भारत ने कहा कि पुरुलिया में हथियार गिराए जाने के आरोपी किम डेवी के प्रत्यर्पण की अनुमति देने से डैनिश हाई कोर्ट के इनकार का गंभीर और दूरगामी परिणाम हो सकता है और इससे अपराधियों और आतंकवादियों को बढ़ावा मिल सकता है। विदेश मंत्रालय ने डेनमार्क की अदालत के फैसले पर निराशा जताई और कहा कि डेवी को सौंपे जाने की भारत की मांग कायम है। मंत्रालय ने कहा कि उसकी गतिविधियों के लिए उसके खिलाफ इस देश में मामला चलना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने एक सवाल के जवाब में कहा, हमारी राय में फैसला काफी गंभीर और दूरगामी प्रभाव वाला है और इससे आतंकवादियों एवं अपराधियों को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हमें यह सूचना मिलने पर काफी निराशा हुई कि डेनमार्क के अधिकारियों ने नील्स होक उर्फ किम डेवी के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।