पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार की हत्या के मामले में आरोपियों को बरी करने के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई के लिए गुरुवार को एक जून की तारीख तय की. इससे ठीक एक महीने पहले, पत्रकार के परिवार ने मामले में मुख्य आरोपी और ब्रिटेन में जन्मे अल कायदा के शीर्ष आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और तीन अन्य को बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी. पर्ल (38) अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख थे. पर्ल को 2002 में अगवा करके उनकी हत्या तब कर दी गई थी जब वह मुल्क की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल कायदा के बीच कथित रिश्तों पर खोजी रिपोर्ट के लिए पाकिस्तान आए हुए थे.
आतंकवाद रोधी अदालत ने शेख को फांसी और तीन अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. सिंध हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर दो अप्रैल को दिए फैसले में शेख की मौत की सजा को सात साल के कारावास में बदल दिया और तीन अन्य दोषियों को बरी कर दिया था. सिंध सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और मृत पत्रकार के परिवार ने भी दोषियों को बरी करने के खिलाफ दो मई को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने तीन न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया है, जो सिंध हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और पर्ल के माता-पिता की अपील पर सुनवाई करेगी. अभी यह साफ नहीं है कि शीर्ष अदालत अपील पर सुनवाई पूरी करने में कितना वक्त लेगी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सिंध की हुकूमत ने दोषियों को रिहा नहीं किया है. अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाकर पर्ल के लिए इंसाफ मांग रहा है.
बता दें, शेख उन्हीं आतंकवादियों में शामिल है, जिन्हें भारत ने करीब 150 यात्रियों वाली इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 को अपहरणकर्तओं से छुड़ाने के लिए 1999 में छोड़ा था. शेख के साथ जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर को भी अफगानिस्तान ले जाकर छोड़ा गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं