अमेरिकी अखबार ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने एक संपादकीय में मोदी सरकार की आलोचना की है.
न्यूयार्क:
मोदी सरकार की आलोचना करते हुए ‘न्यूयार्क टाइम्स’ में एक संपादकीय में कहा गया है कि उनके कार्यकाल के बाद से भारत में भीड़ के हमले की घटना में ‘खतरनाक बढ़ोतरी’ हुई है और उनके नेतृत्व के तहत ‘‘उग्र असहिष्णुता’’ पैदा हो गई है जो धर्मनिरपेक्ष देश के ताने बाने के लिए खतरा है.
शीर्षक ‘इंडियाज टर्न टुवार्ड इनटॉलरेंस’ संपादकीय में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की हिंदू राष्ट्रवादी जड़ों को तवज्जो नहीं देते हुए 2014 में भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी की भारी जीत उनके देश की आर्थिक संभावना और सुनहरे भविष्य के निर्माण को लेकर उनके वादे से हुई.
इस संपादकीय की ओर ध्यान दिलाए जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोई टिप्पणी नहीं की. संपादकीय में उल्लेख किया गया है कि मोदी के नेतृत्व में विकास धीमा हुआ, रोजगार का सृजन नहीं हो पाया और सबसे ज्यादा उग्र असहिष्णुता शुरू हो गई जो कि इसके संस्थापकों द्वारा परिकल्पित धर्मनिरपेक्ष देश के बुनियाद के लिए खतरा है.
वीडियो - फर्रुखाबाद में चलती ट्रेन में मुस्लिम परिवार से मारपीट
इसमें यह भी कहा गया है कि मोदी ने जब से कार्यभार संभाला गोमांस खाने या गाय के साथ खराब बर्ताव के आरोपी लोगों के खिलाफ भीड़ के हमले में खतरनाक बढ़ोतरी हुई और मारे जाने वालों में अधिकतर मुसलमान हैं.
संपादकीय में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर डॉक्यूमेंट्री के संबंध में भारत के सेंसर बोर्ड के फैसले का भी हवाला दिया गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शीर्षक ‘इंडियाज टर्न टुवार्ड इनटॉलरेंस’ संपादकीय में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की हिंदू राष्ट्रवादी जड़ों को तवज्जो नहीं देते हुए 2014 में भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी की भारी जीत उनके देश की आर्थिक संभावना और सुनहरे भविष्य के निर्माण को लेकर उनके वादे से हुई.
इस संपादकीय की ओर ध्यान दिलाए जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोई टिप्पणी नहीं की. संपादकीय में उल्लेख किया गया है कि मोदी के नेतृत्व में विकास धीमा हुआ, रोजगार का सृजन नहीं हो पाया और सबसे ज्यादा उग्र असहिष्णुता शुरू हो गई जो कि इसके संस्थापकों द्वारा परिकल्पित धर्मनिरपेक्ष देश के बुनियाद के लिए खतरा है.
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इसमें यह भी कहा गया है कि मोदी ने जब से कार्यभार संभाला गोमांस खाने या गाय के साथ खराब बर्ताव के आरोपी लोगों के खिलाफ भीड़ के हमले में खतरनाक बढ़ोतरी हुई और मारे जाने वालों में अधिकतर मुसलमान हैं.
संपादकीय में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर डॉक्यूमेंट्री के संबंध में भारत के सेंसर बोर्ड के फैसले का भी हवाला दिया गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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