लाहौर:
पाकिस्तान में मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने के बाद जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह गुरुवार को अपनी बहन दलबीर कौर से मिलकर भावुक हो गया। वह तीन साल से कराची की कोट लखपत जेल में बंद है। सरबजीत से मिलने और उसकी रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार को मनाने छह जून को पाकिस्तान आई कौर ने कहा कि वह गहरे तनाव में है। कौर ने कोट लखपत जेल में भाई से मिलने के बाद कहा, अपने भाई से मिलने के बाद मेरे घाव फिर से हरे हो गए। वह बिलख पड़ा और काफी रोया। उसने अपने को निर्दोष साबित करने में मेरे मदद मांगी। उन्होंने कहा, मेरे भाई ने मुझे बताया कि वह गहरे तनाव में हैं क्योंकि उसका ज्यादातर समय यह सोचते हुए बीतता है कि वह मुक्त नहीं हो पाएगा। उसकी चिंता देख मैं भी काफी दुखी हो गई। दरअसल चिंता आपको खा जाती है। मैं भी बिलख पड़ी। सन् 1990 में हुए चार बम धमाकों में कथित संलिप्तता में उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। इन विस्फोटों में 14 लोगों की जान चली गई थी।