पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार. (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
भ्रष्टाचार-निरोधी अदालत ने संकट से घिरे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार को 'भगोड़ा' घोषित कर दिया है. पनामा पेपर्स से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत में बार-बार अनुपस्थित रहने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है. अदालत ने डार को तीन दिन के भीतर मुचलका जमा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने आगाह किया है कि ऐसा करने में विफल रहने पर अधिकारी उसकी संपत्ति जब्त कर लेंगे. डार अभी लंदन में उपचार करा रहे हैं. अक्टूबर में 67 वर्षीय डार पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति बनाने का मामला दर्ज किया गया था.
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पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा 28 जुलाई को नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने डार पर मामला दर्ज किया था. प्रधानमंत्री को अयोग्य घोषित किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के कुछ सप्ताह बाद नैब ने शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन और वित्त मंत्री डार के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था.
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डार अक्तूबर से लंदन में हैं और हृदय से जुड़ी एक अज्ञात बीमारी का हार्ले स्ट्रीट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. वित्त मंत्री के वकील ने उनकी नई मेडिकल रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की और उन्हें 'भगोड़ा' घोषित नहीं करने का आग्रह किया. नैब के विशेष अभियोजक इमरान शफीक ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि अदालत में पेश की गई रिपोर्ट एक-दूसरे से अलग हैं.
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न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने डार की नई रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करते हुए उन्हें 'भगोड़ा' घोषित कर दिया. अदालत ने मामले की सुनवाई की 14 दिसंबर के लिए स्थगित कर दिया. डार ने तीन माह के अवकाश का आग्रह किया था, जिसके बाद उन्हें पिछले महीने दायित्व से मुक्त कर दिया गया था.
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पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा 28 जुलाई को नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने डार पर मामला दर्ज किया था. प्रधानमंत्री को अयोग्य घोषित किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के कुछ सप्ताह बाद नैब ने शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन और वित्त मंत्री डार के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था.
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डार अक्तूबर से लंदन में हैं और हृदय से जुड़ी एक अज्ञात बीमारी का हार्ले स्ट्रीट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. वित्त मंत्री के वकील ने उनकी नई मेडिकल रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की और उन्हें 'भगोड़ा' घोषित नहीं करने का आग्रह किया. नैब के विशेष अभियोजक इमरान शफीक ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि अदालत में पेश की गई रिपोर्ट एक-दूसरे से अलग हैं.
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न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने डार की नई रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करते हुए उन्हें 'भगोड़ा' घोषित कर दिया. अदालत ने मामले की सुनवाई की 14 दिसंबर के लिए स्थगित कर दिया. डार ने तीन माह के अवकाश का आग्रह किया था, जिसके बाद उन्हें पिछले महीने दायित्व से मुक्त कर दिया गया था.