कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में ढिलाई नहीं बरत सकते : सिंगापुर

प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि सिंगापुर में कोरोना वायरस से 31 लोगों की ही मौत हुई है और उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है लेकिन वह ‘‘खतरे से बाहर नहीं’’ है क्योंकि संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण फिर से पाबंदियां और लोगों के एकत्रित होने के नियमों पर सख्ती लगानी पड़ी.

कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में ढिलाई नहीं बरत सकते : सिंगापुर

प्रतीकात्मक तस्वीर.

सिंगापुर:

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग ने कहा कि उनका देश कोविड-19 से निपटने के अपने प्रयासों में ढिलाई नहीं बरत सकता क्योंकि यह वायरस नए और अकल्पनीय तरीकों से पैर पसारेगा. सिंगापुर कोविड-19 के ‘सिंगापुर स्वरूप' के बारे में झूठ को लेकर फेसबुक, टि्वटर और सिंगापुर प्रेस होल्डिंग्स के अधीन आने वाली एसपीएच पत्रिकाओं के लिए प्रोटेक्शन फ्रॉन ऑनलाइन फॉल्सहुड्स ऐंड मेनिपुलेशन एक्ट (पीओएफएमए) के तहत दिशा निर्देश भी जारी कर रहा है.

कोविड-19 का ‘सिंगापुर स्वरूप' भारत तथा सिंगापुर के लिए तब एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार से सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल रोकने का अनुरोध किया. उन्होंने दावा किया कि सिंगापुर में कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप पाया गया है जो खासतौर से बच्चों के लिये हानिकारक हो सकता है और भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि सिंगापुर में कोरोना वायरस से 31 लोगों की ही मौत हुई है और उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है लेकिन वह ‘‘खतरे से बाहर नहीं'' है क्योंकि संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण फिर से पाबंदियां और लोगों के एकत्रित होने के नियमों पर सख्ती लगानी पड़ी.

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ली ने कहा, ‘‘हर बार जब भी सोचते हैं कि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है और आपको पता है कि इससे कैसे निपटे तभी यह एक नयी दिशा में शुरू हो जाता है.' ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स' ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ‘‘यह उत्परिवर्तीत हो सकता है, यह नई जगह हो सकता है जहां आपकी नजर नहीं गई हो लेकिन आप ढिलाई नहीं बरत सकते और आपको अपनी कल्पना से आगे का सोचना चाहिए.''

उन्होंने कहा कि दुनिया ने अभी तक ‘‘आत्म निर्भरता की ओर बड़ा कदम'' नहीं बढ़ाया है न ही सिंगापुर जैसा छोटा-सा देश अपनी सीमाओं को सील करने का जोखिम उठा सकता है. आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने आगाह किया कि किसी भी देश के लिए सबकुछ किनारे पर छोड़ देना ‘बहुत हानिकारक' होगा.

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इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने पीओएफएमए (प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फॉल्सहुड्स ऐंड मेनिपुलेशन एक्ट) कार्यालय को सोशल मीडिया कंपनियों तथा एसपीएच पत्रिकाओं को आम सुधारात्मक दिशा निर्देश जारी करने को कहा है. पीओएफएमए भ्रामक जानकारियों के प्रसार को रोकने से संबंधित है. मंत्रालय ने कहा कि वह विभिन्न मीडिया संगठनों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा फैलाए जा रहे उस ‘गलत' बयान से अवगत है जिसमें कहा गया है कि ‘‘सिंगापुर में कोविड-19 का एक अज्ञात स्वरूप सामने आया है और इसके सिंगापुर से भारत में फैलने का खतरा है.''

उसने कहा, ‘कोविड-19 का कोई नया सिंगापुर स्वरूप नहीं है. न ही कोविड-19 के ऐसे किसी स्वरूप का सबूत मिला है कि वह बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है.' मंत्रालय ने कहा, ‘हम जनता से अपुष्ट खबरों, अफवाहों को न फैलाने की सलाह देते हैं.' 

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सिंगापुर में हाल के हफ्तों में कोविड-19 के कई मामलों में जो स्वरूप सामने आया है वह बी.1.617.2 स्वरूप ही है जो भारत में पैदा हुआ. उसने कहा, ‘भारत में बी.1.617.2 स्वरूप की मौजूदगी तथा प्रसार सिंगापुर में स्वरूप का पता लगाने से पहले की है तथा विभिन्न मीडिया सूत्रों ने पांच मई 2021 को ही इसकी खबरें दे दीं थीं.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)