प्रतीकात्मक तस्वीर
बॉन:
भले ही दुनिया भर के नेताओं ने पेरिस में ऐतिहासिक जलवायु समझौता कर लिया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की जलवायु प्रमुख इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आपदा से बचने के लिए लोग पेट्रोल-डीजल के उपयोग की आदत बदलने में समर्थ नहीं होंगे।
क्रिस्टियाना फिगरेस ने कहा, 'मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि क्या जलवायु परिवर्तन के सबसे खराब प्रभावों से बचने के लिए बदलाव उतनी तेजी से होगा जितनी तेजी से इसकी जरूरत है। समय हाथ से निकला जा रहा है।'
गौरतलब है कि पेरिस समझौते के तहत 195 देशों ने औसत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का वादा किया है और उनकी कोशिश इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखने की होगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
क्रिस्टियाना फिगरेस ने कहा, 'मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि क्या जलवायु परिवर्तन के सबसे खराब प्रभावों से बचने के लिए बदलाव उतनी तेजी से होगा जितनी तेजी से इसकी जरूरत है। समय हाथ से निकला जा रहा है।'
गौरतलब है कि पेरिस समझौते के तहत 195 देशों ने औसत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का वादा किया है और उनकी कोशिश इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखने की होगी।
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