
Climate change impact on whales: समुद्र की गहराइयों में गूंजने वाला ब्लू व्हेल का मधुर गीत अब सुनाई नहीं दे रहा. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह केवल समुद्री जीवन के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरे का संकेत है. ब्लू व्हेल अपने गीतों के जरिए साथी खोजती हैं, दिशा पहचानती हैं और अपने समूह से जुड़ी रहती हैं, लेकिन हाल के वर्षों में, इन गीतों की गूंज में तेजी से कमी आई है.

कैसे सुनाई देती है ब्लू व्हेल की आवाज (blue whales silent)
ब्लू व्हेल की गहरी और लंबी ध्वनि को सुनने के लिए वैज्ञानिक हाइड्रोफोन नामक विशेष माइक्रोफोन का इस्तेमाल करते हैं, जिसे पानी के भीतर रखा जाता है. यह उपकरण न केवल व्हेल की आवाज रिकॉर्ड करता है, बल्कि समुद्र के भीतर होने वाली अन्य गतिविधियों की भी जानकारी देता है.

भोजन की कमी और बदलता समुद्री तापमान (why whales stopped singing)
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्री जीव विज्ञानी जॉन रयान ने बताया कि 2013 से 2016 के बीच एक विशाल हीट वेव ने हजारों मील तक समुद्री तापमान को 4.5°F से अधिक बढ़ा दिया. इसके कारण क्रिल और एंकावी जैसी व्हेल की मुख्य खाद्य प्रजातियां तेजी से घट गईं. न्यूजीलैंड में भी 2016 से 2018 के बीच इसी तरह की खामोशी दर्ज की गई.

प्रजनन पर पड़ा असर (blue whale song mystery)
मैरीन मैमल इंस्टीट्यूट के डॉन बार्लो के अनुसार, जब भोजन की उपलब्धता घट जाती है, तो ब्लू व्हेल प्रजनन पर ध्यान देती हैं. हालांकि, यह स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कम भोजन और बदलते माहौल ने इनके गीतों को लगभग 40% तक कम कर दिया है.

कौन सी प्रजातियां सबसे ज्यादा प्रभावित (ocean warming dangers)
हंपबैक व्हेल कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर जीवित रह पाती हैं, इसलिए उनके गीतों में खास कमी नहीं आई, लेकिन ब्लू और फिन व्हेल, जो लगभग पूरी तरह से क्रिल पर निर्भर करती हैं, उनकी आवाज समुद्र में पहले जैसी नहीं गूंज रही. यह बदलाव समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है.
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