यूनेस्को (UNESCO) की ‘ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग' (जीईएम) (Global education monitoring) रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन को अभी तक पर्याप्त रूप से शिक्षण रूपरेखा में शामिल नहीं किया गया है और केवल 50 प्रतिशत देश अपने राष्ट्रीय स्तर के कानूनों, नीतियों या शिक्षण योजनाओं में इस विषय पर जोर देते हैं. जीईएम (GEM) टीम ने ग्लासगो (Glasgow) में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की पृष्ठभूमि में ‘प्रोफाइल्स एनहांसिंग एजुकेशन रिव्यूज' (पीईईआर) जारी किये हैं. इनका उद्देश्य शिक्षा में प्रमुख विषयों पर देशों की नीतियों एवं कानूनों की व्याख्या करना है ताकि राष्ट्रीय शिक्षण रणनीतियों के क्रियान्वयन पर साक्ष्य आधार को सुधारा जा सके.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘केवल 75 प्रतिशत देश अपने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा में जलवायु परिवर्तन (Climate change) को विषय के रूप में शामिल करते हैं वहीं केवल 40 प्रतिशत देशों में ऐसे शिक्षा कानून हैं जिनमें जलवायु परिवर्तन को शामिल किया गया है.''
इसमें कहा गया ‘‘प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा स्तर पर इसका संदर्भ मुख्य रूप से (90 प्रतिशत) मिलता है. कुछ ही देशों में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण प्रणाली, उच्च शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण शिक्षा में जलवायु परिवर्तन संबंधी शिक्षा का समर्थन करने वाली रूपरेखा है.''
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘इटली में जलवायु परिवर्तन को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है और विद्यार्थियों को पारिस्थितिकी के लिहाज से टिकाऊ व्यवहार और व्यक्तिगत पसंदों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. 2020 तक जलवायु परिवर्तन शिक्षा इटली के स्कूलों में अनिवार्य बन गयी थी.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं