श्रीलंका ने शनिवार को कहा कि वह अपने बंदरगाहों पर चीनी पनडुब्बियों को रुकने की मंजूरी नहीं देगा। इस कदम को भारत की चिंताओं को दूर करने के रूप में देखा जा रहा है।
श्रीलंका के विदेश मंत्री मंगला समीरवीरा ने कहा, ‘‘मुझे सच में नहीं पता कि जब जापानी प्रधानमंत्री (शिंजो अबे) श्रीलंका के दौरे पर आए तब किस तरह की परिस्थितियों में उसी दिन पनडुब्बियां कोलंबो आई लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे कार्यकाल में किसी भी कोने से इस तरह की घटनाएं न हों।’’
समरवीरा ने अपनी चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ली क्विंग और विदेश मंत्री वांग यी से वार्ता की। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे के कार्यकाल में पांच अरब डॉलर के चीनी निवेश को लेकर श्रीलंका की कुछ चिंताएं हैं।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा इस समय की जा रही परियोजनाओं की समीक्षा के बाद सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि चीन सरकार के साथ इन मुद्दों पर चर्चा के लिए श्रीलंका का एक उच्च स्तरीय दल बाद में चीन का दौरा करेगा।
पिछले साल एक चीनी पनडुब्बी दो बार कोलंबो आयी थी जिससे भारत में चिंताएं उठी थीं। समरवीरा जनवरी में हुए चुनाव में राजपक्षे के हारने के बाद से चीन के दौरे पर गए पहले श्रीलंकाई अधिकारी हैं। श्रीलंका के नए राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना भी अगले महीने चीन का दौरा करेंगे।
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