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This Article is From Jul 30, 2017

चीनी सेना में सभी दुश्मनों को मात देने की क्षमता : शी चिनफिंग

शी ने कहा कि पीएलए को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के निरपेक्ष नेतृत्व का सख्ती से पालन करना चाहिए और ‘‘जहां पार्टी कहे वहां मार्च करना चाहिए’’.

चीनी सेना में सभी दुश्मनों को मात देने की क्षमता : शी चिनफिंग
सेना से गार्ड ऑफ ऑनर लेते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग.
बीजिंग: भारत और चीन के बीच डोकलाम के मुद्दे पर तनाव चल रहा है. ऐसे में चीनी सेना अपना स्थापना दिवस मना रही है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है. शी ने कहा कि पीएलए को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के निरपेक्ष नेतृत्व का सख्ती से पालन करना चाहिए और ‘‘जहां पार्टी कहे वहां मार्च करना चाहिए’’. शी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख हैं जिसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीएलए का पूर्ण नियंत्रण है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दृढ़ विश्वास है कि हमारी वीर सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है. शी के भाषण में सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक माह से चल रहे गतिरोध का कहीं कोई उल्लेख नहीं रहा। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनके विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों ने भारत पर चीनी क्षेत्र के डोकलाम में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है और आधिकारिक मीडिया में भारत के इस कदम के खिलाफ एक आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है.

सैन्य सूट पहने 64 वर्षीय शी एक खुली जीप में जवानों के सामने से गुजरे और इस दौरान लाउड स्पीकर में सैन्य संगीत बज रहा था. शी ने समारोह में अपने 10 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘हमारी सेना में मजबूत सेना के निर्माण में एक नया अध्याय लिखने और चीनी राष्ट्र के कायाकल्प के स्वप्न को साकार करने एवं विश्व शांति की सुरक्षा के लिए एक नया योगदान करने का साहस व क्षमता है.’’ समारोह का सरकारी टीवी और रेडियो पर सीधा प्रसारण किया गया.
 
इससे पूर्व शी ने इनर मंगोलिया के झूरिहे में चीनी सेना के सबसे बड़े बेस पर भव्य सैन्य परेड का निरीक्षण किया जिसमें सेना और वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया. इसमें वह नया टैंक भी शामिल था जिसका इस्तेमाल हाल ही में भारतीय सीमा के पास ऊंचाई वाले इलाके में युद्धाभ्यास के लिये किया गया था.

शी ने सेना से कहा कि अपनी लड़ाकू क्षमता एवं राष्ट्रीय रक्षा के आधुनिकीकरण में और सुधार करें और साथ ही राष्ट्रीय रक्षा एवं सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण भी करें. अमेरिका सेना के बाद चीनी सेना का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट (152 अरब अमेरिकी डालर) है. पीएलए की स्थापाना एक अगस्त 1927 को तब की गई थी जब माओ त्सेतुंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ सीपीसी ने उनके राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन को आगे बढ़ाया था.


यह उन दुर्लभ राष्ट्रीय सेनाओं में से एक है, जो चीनी सरकार की बजाय अब भी सीपीसी के नेतृत्व में काम करती है. सीपीसी केंद्रीय समिति के महासचिव शी ने कहा, ‘‘अधिकारियों और सैनिकों, आपको अनिवार्य रूप से मूल सिद्धांतो और सेना पर पार्टी के पूर्ण नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए, हमेशा पार्टी के आदेश को सुने और उसका पालन करें और जहां भी पार्टी कहे वहां मार्च करें.

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