पाकिस्तान के पोर्ट सिटी ग्वादर में इंफ्रास्टक्चर प्रोजेक्ट में काम कर रहे चीनी इंजीनियरों के एक काफिले पर आज दो बलूचिस्तानी आतंकवादियों ने हमला कर दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले को दौरान दोनों आतंकवादियों को गोली मार दी गई और इसमें कोई चीनी इंजीनियर या अन्य पाकिस्तानी नागरिक घायल नहीं हुआ.
वर्तमान में बड़ी संख्या में चीनी नागरिक बलूचिस्तान प्रांत के बंदरगाह ग्वादर में काम कर रहे हैं, जिसे 60 अरब डॉलर के तथाकथित चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (China-Pakistan Economic Corridor) या सीपीईसी (CPEC) के हिस्से के रूप में चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जा रहा है. बीएलए मजीद ब्रिगेड ने आज ग्वादर में चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को निशाना बनाया. अलगाववादी समूह ने आज एक बयान में कहा, ''हमला अभी भी जारी है."
वहीं, पाकिस्तानी सीनेटर सरफराज बुगती ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर पोस्ट कर लिखा, "मैं ग्वादर में चीनी श्रमिकों के काफिले पर जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. शुक्र है, कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि घात लगाकर किए गए हमले को नाकाम कर दिया गया और हमलावर मारे गए."
I strongly condemn the heinous terror attack on Chinese workers convoy in Gwadar. Thankfully, no loss of life happened, but there are reports that the ambush has been repulsed and the attackers have been killed. 1/2
— Senator Sarfraz Bugti (@PakSarfrazbugti) August 13, 2023
सरफराज बुगती ने कहा, "आतंकवादियों के भीतर दरार दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, क्योंकि हमारे सशस्त्र बल साहसपूर्वक उनके नापाक मंसूबों को विफल कर रहे हैं. पाकिस्तान पर बुरी नजर डालने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कोई सजा नहीं है."
भारत ने सीपीईसी प्रोजेक्ट (CPEC Project) का विरोध किया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरती है, जो जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है इसलिए भारतीय क्षेत्र है. चीन ने दावा किया है कि इस योजना का क्षेत्रीय विवादों से कोई लेना-देना नहीं है.
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