प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
चीन अपने सबसे बड़े प्रक्षेपण रॉकेट को उत्तरी तियानजिन बंदरगाह से दक्षिणी इलाके हेनान स्थित प्रक्षेपण केंद्र ले जा रहा है. इनका उपयोग चंद्रमा और मंगल से जुड़े अभियानों के लिए किया जाएगा.
लांग मार्च-5 को दो विशेष रॉकेट वाहक जहाज युआनवांग-21 और युआनवांग-22 लेकर अगले महीने की शुरुआत में हेनान प्रांत के वेनचांग स्थित किंगलान बंदरगाह पर पहुंचेंगे.
यह देश का सबसे मजबूत कैरियर रॉकेट है और लांग मार्च-पांच की पृथ्वी की निचली कक्षा में वाहकक्षमता 25 टन है, जबकि भूस्थतिक कक्षा में 14 टन की वाहक क्षमता है.
रॉकेट का उपयोग साल 2017 में चंद्रमा से संबंधित चांग-5 मिशन और मंगल से जुड़े अभियानों के तहत किए जाने की संभावना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लांग मार्च-5 को दो विशेष रॉकेट वाहक जहाज युआनवांग-21 और युआनवांग-22 लेकर अगले महीने की शुरुआत में हेनान प्रांत के वेनचांग स्थित किंगलान बंदरगाह पर पहुंचेंगे.
यह देश का सबसे मजबूत कैरियर रॉकेट है और लांग मार्च-पांच की पृथ्वी की निचली कक्षा में वाहकक्षमता 25 टन है, जबकि भूस्थतिक कक्षा में 14 टन की वाहक क्षमता है.
रॉकेट का उपयोग साल 2017 में चंद्रमा से संबंधित चांग-5 मिशन और मंगल से जुड़े अभियानों के तहत किए जाने की संभावना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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