दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) वाले चीन की वित्तीय वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में विकास दर (GDP) 4.9% दर्ज की गई है. चीनी अर्थव्यवस्था महामारी के पहले का स्तर छूने के करीब है.
चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (एनबीएस) का कहना है कि जुलाई-सितंबर तिमाही की विकास दर अनुमान से थोड़ा कम रही है. एजेंसी ने आगाह किया है कि दुनिया में अस्थिर वातावरण के कारण आने वाले वक्त में फिर अस्थिरता देखने को मिल सकती है. चीन की आर्थिक विकास दर तीसरी तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. दूसरी तिमाही में उसकी विकास दर 3.2 फीसदी थी. पिछले साल इसी समय के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन दर भी 6.9% रही है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आकलन के अनुसार, चीन में जीडीपी की वृद्धि दर तेजी की ओर लौट रही है. चीन विश्व की उन चुनिंदा अर्थव्यवस्था में से एक है, जहां विकास दर घटने की बजाय बढ़ रही है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि चीन की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन और महामारी के दौरान उठाए गए अन्य कदमों से उबर रही है. जबकि दुनिया के अन्य देश लॉकडाउन और संक्रमण की नई लहर से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भारत की जीडीपी में इस साल 0.10 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई गई है.
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चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के तौरतरीकों और वैक्सीन को सभी परीक्षणों के पहले जनता को दिए जाने के कदमों को लेकर अपनी ही पीठ थपथपाई है. देश में खरीदारी, पर्यटन और बाहर खाना-पीना पहले की तरह आम हो गया है. शहरी बेरोजगारी दर सितंबर में 5.4 फीसदी रह गई है.
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