
चीन में लिंगलिंग नाम की एक महिला ने ब्रेस्ट इम्प्लांट की सर्जरी कराई थी लेकिन अब वह गंभीर रूप से शारीरिक और मानसिक दर्द में है. दक्षिणपूर्वी चीन के जियांग्शी प्रांत की यह महिला अब इंसाफ की मांग कर रही है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, लिंगलिंग ने ब्रेस्ट इम्प्लांट्स और उसके बाद हुए ट्रीटमेंट पर लगभग 2.8 करोड़ रुपये (2.4 मिलियन युआन) खर्च किए. लेकिन बाद में उसे पता चला कि ब्रेस्ट बढ़ाने के लिए जो इम्प्लांट लगाए गए थे उसमें मवेशियों और जंगली हिरण (मूस) के डीएनए मिले.
यह प्रक्रिया पहली बार 2017 में एक स्थानीय ब्यूटी सैलून के मालिक ने उसके ध्यान में लाया था. बीजिंग के एक क्लिनिक ने इसकी विधि तैयार की थी. उसने दावा किया कि पेसेंट के अंदर से ही पहले कोलेजन (जिससे हमारी मांस, चमड़ी और हड्डियां बनती हैं) को निकाला जाएगा और फिर उसे पेसेंट के ब्रेस्ट में ही इम्प्लांट किया जाएगा. दावा किया गया कि ऐसे में पेंसेट की बॉडी इस इम्प्लांट को रिजेक्ट नहीं करेगी.
इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए लिंगलिंग को अगले छह सालों में नौ अलग-अलग कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा. इम्प्लांट लगाने से लेकर उसके मरम्मत तक, लिंगलिंग को कई बार हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पड़े, जिसमें कुल मिलाकर 2.8 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया.
2023 आकर लिंगलिंग को पता चला कि उसके ब्रेस्ट इम्प्लांट में रिसाव आ गया है और उसकी शेप बिगड़ खराब हो गया है. उसने कहा, "मेरे चेस्ट पर दो गांठें थीं जो मेरे पेट तक पहुंच गईं."
2024 में, उसने इम्प्लांट को हटाने और टेस्ट कराने के लिए शंघाई क्लिनिक में जाने का फैसला किया. इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टरों को वह चीज मिली जिससे उसे शारीरिक क्षति हुई थी. उसमें मवेशी, जंगली हिरण (मूस), ऊंट, चमगादड़ और गोरिल्ला का डीएनए पाया गया.
लिंगलिंग ने मुआवजे की मांग करने का प्रयास किया लेकिन पता चला कि क्लिनिक और ब्यूटी सैलून दोनों बंद हो गए थे. इस महीने की शुरुआत में, लिंगलिंग ने बीजिंग नगर स्वास्थ्य आयोग को मामले की सूचना दी. लेकिन क्लिनिक और ब्यूटी सैलून, दोनों के बंद होने के कारण, न्याय पाने की उनकी कानूनी लड़ाई में रुकावट आ गई है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं