प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
चीन ने साल 2018 में एक नए चंद्रमा मिशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी है जब चंद्रमा के अंधेरे हिस्से पर इसके एक जांच करने की योजना है। इस हिस्से का पता मानव अब तक नहीं लगा सका है। चीन के इस कदम से अंतरिक्ष अभियान में एक नया कीर्तिमान बनेगा। ‘चाइनाज स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस’ (एसएएसटीआईएनडी) के तहत चंद्रमा खोज केंद्र के प्रमुख लियू जिझोंग ने बताया कि ‘चेंग..4’ जांच इस अभियान की शुरुआत करने वाला मानव इतिहास में प्रथम मिशन होगा।
लियू ने बताया कि चीन ने चंद्रमा के इस दूरदराज के हिस्से पर एक जांच अभियान भेजने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हासिल की है और वह अंतरराष्ट्रीय समाज के साथ सहयोग करने को तैयार है। पिछले साल मंगल पर पानी पाए जाने की नासा की घोषणा के बाद देश की आधिकारिक मीडिया से चीन के हाईप्रोफाइल अंतरिक्ष कार्यक्रम को खरी खोटी सुननी पड़ी थी।
मंगलयान ने भी पिछले साल चीन को पछाड़ते हुए भारत को इस लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला प्रथम एशियाई देश बना दिया। चीनी सरकारी समाचार पत्र ने पिछले साल एक संपादकीय में कहा, ‘‘अमेरिका ने 1964 से 20 से अधिक अंतरिक्षयान मंगल पर भेजे हैं। ‘क्यूरियोसिटी’ अभी भी मंगल की यात्रा कर रहा और सूचना भेज रहा है। नासा ने अन्य अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
लियू ने बताया कि ढांचे में चेंग..4 बहुत हद तक चेंग..3 की तरह है लेकिन अधिक पेलोड (भार) ले जा सकता है। इसका इस्तेमाल चंद्रमा के अंधरे हिस्से के भूगर्भिक स्थितियों का अध्ययन करने में किया जाएगा। चीन की चेंग..5 चंद्रमा अभियान भी भेजने की योजना है जो उसके तीन कदमों (आर्बिटिंग, लैंडिंग और रिटर्न) वाले चंद्र अभियान कार्यक्रम का आखिरी अध्याय होगा। साल 2022 तक चीन की अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित करने की योजना है जो रूस के अंतरिक्ष स्टेशन मीर का प्रतिद्वंद्वी होगा जिसे अमेरिका संयुक्त रूप से संचालित कर रहा है।
लियू ने बताया कि चीन ने चंद्रमा के इस दूरदराज के हिस्से पर एक जांच अभियान भेजने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हासिल की है और वह अंतरराष्ट्रीय समाज के साथ सहयोग करने को तैयार है। पिछले साल मंगल पर पानी पाए जाने की नासा की घोषणा के बाद देश की आधिकारिक मीडिया से चीन के हाईप्रोफाइल अंतरिक्ष कार्यक्रम को खरी खोटी सुननी पड़ी थी।
मंगलयान ने भी पिछले साल चीन को पछाड़ते हुए भारत को इस लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला प्रथम एशियाई देश बना दिया। चीनी सरकारी समाचार पत्र ने पिछले साल एक संपादकीय में कहा, ‘‘अमेरिका ने 1964 से 20 से अधिक अंतरिक्षयान मंगल पर भेजे हैं। ‘क्यूरियोसिटी’ अभी भी मंगल की यात्रा कर रहा और सूचना भेज रहा है। नासा ने अन्य अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
लियू ने बताया कि ढांचे में चेंग..4 बहुत हद तक चेंग..3 की तरह है लेकिन अधिक पेलोड (भार) ले जा सकता है। इसका इस्तेमाल चंद्रमा के अंधरे हिस्से के भूगर्भिक स्थितियों का अध्ययन करने में किया जाएगा। चीन की चेंग..5 चंद्रमा अभियान भी भेजने की योजना है जो उसके तीन कदमों (आर्बिटिंग, लैंडिंग और रिटर्न) वाले चंद्र अभियान कार्यक्रम का आखिरी अध्याय होगा। साल 2022 तक चीन की अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित करने की योजना है जो रूस के अंतरिक्ष स्टेशन मीर का प्रतिद्वंद्वी होगा जिसे अमेरिका संयुक्त रूप से संचालित कर रहा है।
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