
- चीन ने वैश्विक प्रतिभाशाली लोगों के लिए अपने द्वार खोलते हुए विभिन्न क्षेत्रों में स्वागत का ऐलान किया है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से वीजा ऐलान के बाद चीन ने नई वीजा कैटेगरी लागू करने की योजना बनाई.
- भारत अमेरिका के वीजा फीस वृद्धि के बाद सतर्क है, लेकिन विशेषज्ञ इसे नई दिल्ली के लिए अवसर मानते हैं.
बीजिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीजा फीस बढ़ाने के बाद चीन ऐक्टिव हो गया है. ड्रैगन ने ट्रंप की इस दादागीरी को दबाने के लिए पूरी दुनिया के प्रतिभाशाली लोगों के लिए दरवाजा खोलने का ऐलान कर दिया है. चीन ने कहा है कि वो कई सेक्टर्स में दुनिया के लिए लोगों का स्वागत करता है. अमेरिका के वीजा फीस बढ़ाने के बाद भारत भी काफी सतर्क है. हालांकि, विशेषज्ञ इसे नई दिल्ली के लिए एक मौका मान रहे हैं.
प्रतिभाशाली लोगों का स्वागत
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिआयो जियाकुन (Guo Jiakun) ने कहा कि आज के वैश्विक समय में दुनिया की तकनीकी बढ़ोतरी और आर्थिक विकास के लिए प्रतिभाशाली लोगों की उपलब्धता एक कमाल की चीज है. चीन दुनिया के सभी क्षेत्रों के प्रतिभाशाली लोगों का स्वागत करता है. चीन ने कहा कि ऐसे लोग चीन आकर मानवता के विकास और अपने करियर को सफल बना सकते हैं.
उधर, भारत भी अमेरिका के वीजा फीस बढ़ाने के बाद कई विकल्पों पर काम कर रहा है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रंप के इस कदम से भारत के बजाय अमेरिका पर ज्यादा असर पड़ेगा. अमेरिका के टेक फर्म H-1B वीजा धारकों पर काफी हद तक निर्भर हैं, खासतौर से भारत से आए लोगों पर. विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप ने वीजा फीस बढ़ाकर ऐसी कंपनियों को मुश्किल में डाल दिया है. ऐसे में वो विदेशी टैलेंट को बुला पाने में असफल रहेंगे.
चीन ने चल दी चाल
उधर, ट्रंप के दांव के बाद चीन ने भी नई चाल चल दी है. चीन विदेशी टैलेंट के जरिए अमेरिका को टक्कर देने का मन बना चुका है. अगस्त के शुरुआत में भी चीन ने युवा पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए नई वीजा कैटिगरी बनाया था. चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, नया वीजा नियम 1 अक्तूबर से लागू हो जाएगा. ये वीजा उन साइंस-टेक पेशेवरों के लिए होंगे जो चीनी अधिकारियों के बनाए नियमों पर खरे उतरेंगे.
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