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अमेरिका में खत्‍म होगा एच-1बी वीजा लॉटरी सिस्‍टम! ज्‍यादा टैलेंटेड और सैलरी वाले प्रोफेशनल्‍स को मिलेगी प्राथमिकता 

अगर यह नियम लागू होता है तो H-1B लॉटरी अब पूरी तरह से रैंडम नहीं रहेगी. इसकी जगह हर आवेदक की संभावना उसके वेतन स्तर के आधार पर तय की जाएगी

अमेरिका में खत्‍म होगा एच-1बी वीजा लॉटरी सिस्‍टम! ज्‍यादा टैलेंटेड और सैलरी वाले प्रोफेशनल्‍स को मिलेगी प्राथमिकता 
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा कार्यक्रम के नियमों में बदलाव पर हस्ताक्षर किए हैं.
  • अब होमलैंड सिक्योरिटी ने नए प्रस्ताव में मौजूदा लॉटरी सिस्टम खत्म कर वेतन आधारित चयन प्रक्रिया सुझाई है.
  • नए प्रस्‍ताव के तहत उच्च वेतन पाने वाले विदेशी कर्मचारियों को H-1B वीजा में प्राथमिकता देने की बात कही गई है.
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वॉशिंगटन:

पिछले दिनों अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका के H-1B वीजा कार्यक्रम के नियमों में बदलाव से जुड़ी एक घोषणा पर साइन किया है. अब इसके कुछ ही दिन बाद इस वीजा प्रोग्राम के नियमों में फिर से बदलाव का प्रस्‍ताव रखा गया है. होमलैंड सिक्‍योरिटी डिपार्टमेंट की तरफ से नए प्रस्ताव में मौजूदा लॉटरी सिस्‍टम को खत्‍म करने और एक 'वेटेड सेलेक्‍शन प्रॉसेस' लागू करने की बात कही गई है. इसके तहत सामान्‍यतौर पर हाईली स्किल्‍ड और ज्‍यादा सैलरी पाने वाले विदेशी नागरिकों को H-1B वीजा देने में प्राथमिकता देगी. जबकि सभी सैलर लेवल  पर इंप्‍लॉयर को H-1B इंप्‍लॉयीज को नियुक्त करने का अवसर बनाए रखा जाएगा. 

सालान इनकम पर वीजा 

नए प्रस्ताव के अनुसार, सेलेक्‍शन उस सैलरी लेवल के आधार पर किया जाएगा जिसमें आवेदक को रखा गया है. जो कर्मचारी चार वेतन स्तरों में सबसे ऊंचे स्तर पर हैं, जिनकी वार्षिक आय 162,528 डॉलर है, उन्हें सेलेक्‍शन पूल में चार बार शामिल किया जाएगा, जबकि सबसे निचले स्तर पर रहने वालों को सिर्फ एक ही बार शामिल किया जाएगा. निकोल गुनारा, प्रमुख इमिग्रेशन अटॉर्नी, मैनिफेस्ट लॉ ने कहा कि यह नया प्रस्ताव ग्‍लोबल टैलेंट के अमेरिकी अर्थव्यवस्था में प्रवाह को पूरी तरह से बदल सकता है. 

तो ऐसे मिलेगा वीजा! 

गुनारा ने आगे कहा, 'वास्तव में, मेटा में 150,000 लाख डॉलर सैलरी पाने वाले एक इंजीनियर को अब लॉटरी में कई बार एंट्री मिल सकती है, जबकि किसी स्टार्टअप में 70,000 डॉलर कमाने वाले जूनियर डेवलपर को सिर्फ एक बार ही मौका मिलेगा. यह सिस्‍टम को उन स्थापित कंपनियों की ओर झुका देती है जो बाजार में ज्‍यादा सैलरी देने में सक्षम हैं और उन उभरती कंपनियों से दूर कर देती है जो युवा अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिभा पर निर्भर करती हैं. इसके अलावा, यह नियम टेक्‍नोलॉजी क्षेत्र में ज्‍यादा सीनियर और उच्च वेतन पाने वाले कर्मचारियों की ओर बदलाव को बढ़ावा दे सकता है. साथ ही यह परिभाषित कर सकता है कि देश ग्‍लोबल लेवल पर टैलेंट के लिए कैसे प्रतिस्पर्धा करता है. 

सैलरी पर तय होगा वीजा! 

गुनारा ने विस्‍तार से बताया, 'अगर यह नियम लागू होता है तो H-1B लॉटरी अब पूरी तरह से रैंडम नहीं रहेगी. इसकी जगह हर आवेदक की संभावना उसके वेतन स्तर के आधार पर तय की जाएगी. ज्‍यादा सैलरी कैटेगरी में आने वाले उम्मीदवार को लॉटरी में कई बार प्रवेश मिल सकता है जबकि शुरुआती सैलरी पाने वाले को सिर्फ एक बार ही मौका मिलेगा. इसका मतलब है कि उच्च वेतन पाने वाले वरिष्ठ पदों के चयन की संभावना काफी अधिक होगी, जबकि हाल ही में ग्रेजुएट हुए और करियर की शुरुआत करने वाले कर्मचारियों को कहीं अधिक कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा.   
 

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