चीन (China) ने अमेरिका (US) को हिदायत दी है कि वो आग से ना खेले. असल में दोनों देशों के नेताओं के बीच फ़ोन पर बातचीत हुई और चीनी पक्ष के मुताबिक राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने ये बात अमेरिकी राषट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को कही. संदर्भ ये कि अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान (Taiwan) जा सकती हैं. ताइवान पर चीन का दावा है कि वो चीन का हिस्सा है जबकि ताइवान का दावा इस से उलट है. पेलोसी के ताइवान दौरे की ख़बर के साथ ही चीन ने लगातार बयान दिए हैं कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
इस बाबत वहाँ के विदेश मंत्रालय के कई बयान आए. अब चीन के बयान को मुताबिक शी ने ख़ुद बाइडेन को ताइवान के मामले में आग से न खेलने का हिदायत दी है और कहा एक चीन की नीति पर क़ायम रहे और ये कि जो आग से खेलते हैं वो जल जाते हैं.
उधर व्हाइट हाउस के इस फ़ोन कॉल के बारे में बयान में कहा गया है कि अमेरिका अपने एक चीन की नीति पर क़ायम है. लेकिन ताइवान स्ट्रेट में एकतरफ़ा तौर पर ज़मीनी स्थिति बदलने की कोशिश और शांति स्थिरता भंग करने की कोशिश के ख़िलाफ़ है.
अमेरिका आधिकारिक तौर पर ताइपे को मान्यता नहीं देता है लेकिन अपने क़ानूनों के तहत उसे आत्मरक्षा के ज़रिए ज़रूर मुहैया कराता है. दूसरी तरफ यूएस कांग्रेस लगातार आधिकारिक मान्यता का दबाव बना रही है ख़ास कर चीन से बिगड़े संबंधों के मद्देनज़र. चीन का मानना है कि पेलोसी अगर ताइवान जाती हैं तो वो अंक तरह से ताइवान के दावों का समर्थन होगा हालांकि ये पहली बार नहीं होगा कि अमेरिकी संसद का स्पीकर ताइवान दौरे पर गया हो. पिछली बार ऐसा 1997 में हुआ था. हालांकि अभी ये पक्का नहीं है कि पेलोसी ताइवान जाएंगी ही. लेकिन वो अगर जाने का निर्णय करती हैं तो अमेरिकी सरकार उन्हें रोक नहीं सकती.
बाइडेन और शी चिनफिंग की ये पाँचवीं बातचीत थी जो दो घंटे के करीब चली. माना जारी है कि इस में रूस यूक्रेन को लेकर भी बात हुई और स्वास्थ्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर भी.
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