चीन ने अपने तिआंगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला को गुरुवार को अंतरिक्ष में भेजा
बीजिंग:
अंतरिक्ष में स्थाई स्पेस स्टेशन बनाने की अपनी महत्वकांक्षी योजना के तहत चीन ने गुरुवार को अपनी दूसरी प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला का प्रक्षेपण किया. चीन का लक्ष्य 2022 तक अंतरिक्ष में मनुष्यों के रहने योग्य प्रयोगशाला का निर्माण करना है. इसी अवधि में अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की सेवाएं समाप्त होने वाली हैं.
चीन ने अपने तिआंगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला को पश्चिमोत्तर चीन के गोबी रेगिस्तान के जियूक्वांग उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से प्रक्षेपित किया. यह सामान्य प्रक्रियागत प्रक्षेपण था. करीब 10 मिनट के भीतर अंतरिक्ष प्रयोगशाला अपनी कक्षा में स्थापित हो गई. इस मिशन के औपचारिक प्रभारी ने प्रक्षेपण की घोषणा सरकारी टीवी पर की. पूरी प्रक्षेपण प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया गया.
एक अधिकारी ने कहा, ‘मिशन पूरी तरह सफल रहा और अंतरिक्ष प्रयोगशाला अपनी कक्षा तक पहुंच गयी है.’ चीन की महत्वकांक्षी योजना का मकसद 2022 तक अंतरिक्ष में मनुष्यों के रहने योग्य स्थाई स्पेस स्टेशन तैयार करना है. चीन का यह स्पेस स्टेशन लगभग उसी दौरान कक्षा में भेजे जाने की उम्मीद है, जब अमेरिकी अंतरिक्ष स्टेशन की सेवाएं समाप्त होने वाली होंगी. अर्थात 2022 में चीन अंतरिक्ष में मौजूदगी वाला सबसे मजबूत देश बन जाएगा.
चीन के मानवीय अंतरिक्ष अभियांत्रिकी कार्यालय की उपनिदेशक वू पिंग ने बुधवार को कहा था कि अभियंता लांग मैक-2एफ टी2 रॉकेट में ईंधन भर रहे हैं. यही तिआंगोंग-2 को अंतरिक्ष तक लेकर जाने वाला है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चीन ने अपने तिआंगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला को पश्चिमोत्तर चीन के गोबी रेगिस्तान के जियूक्वांग उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से प्रक्षेपित किया. यह सामान्य प्रक्रियागत प्रक्षेपण था. करीब 10 मिनट के भीतर अंतरिक्ष प्रयोगशाला अपनी कक्षा में स्थापित हो गई. इस मिशन के औपचारिक प्रभारी ने प्रक्षेपण की घोषणा सरकारी टीवी पर की. पूरी प्रक्षेपण प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया गया.
एक अधिकारी ने कहा, ‘मिशन पूरी तरह सफल रहा और अंतरिक्ष प्रयोगशाला अपनी कक्षा तक पहुंच गयी है.’ चीन की महत्वकांक्षी योजना का मकसद 2022 तक अंतरिक्ष में मनुष्यों के रहने योग्य स्थाई स्पेस स्टेशन तैयार करना है. चीन का यह स्पेस स्टेशन लगभग उसी दौरान कक्षा में भेजे जाने की उम्मीद है, जब अमेरिकी अंतरिक्ष स्टेशन की सेवाएं समाप्त होने वाली होंगी. अर्थात 2022 में चीन अंतरिक्ष में मौजूदगी वाला सबसे मजबूत देश बन जाएगा.
चीन के मानवीय अंतरिक्ष अभियांत्रिकी कार्यालय की उपनिदेशक वू पिंग ने बुधवार को कहा था कि अभियंता लांग मैक-2एफ टी2 रॉकेट में ईंधन भर रहे हैं. यही तिआंगोंग-2 को अंतरिक्ष तक लेकर जाने वाला है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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