
कल का दिन भारत के लिए बहुत ही खास होने वाला है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेस के लिए रवाना होने वाले हैं. वो पहले भारतीय बनेंगे जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक जाएंगे. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने ऐसा कर दिखाया था. अब इतने सालों बाद फिर एक भारतीय का स्पेस में जाना गर्व की बात है. वैसे हमारे यहां रियल लाइफ के साथ-साथ रील लाइफ यानी फिल्मों में भी अंतरिक्ष की कहानियों को बड़े दिलचस्प अंदाज़ में पेश किया गया है. बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा ने स्पेस, एलियन, सुपरहीरो और वैज्ञानिकों की जिंदगी से जुड़ी कहानियों को खूब फिल्माया है. चलिए जानते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में, जिनमें अंतरिक्ष और विज्ञान की झलक मिलती है.
मिशन मंगल (2019)
इसरो के पहले मार्स मिशन यानी ‘मंगलयान' पर आधारित इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे भारतीय वैज्ञानिकों ने सीमित संसाधनों में भी बड़ी कामयाबी हासिल की. फिल्म में अक्षय कुमार, विद्या बालन, तापसी पन्नू, नित्या मेनन और कीर्ति कुल्हारी ने वैज्ञानिकों का रोल निभाया था और बहुत ही सधे हुए तरीके से इस मिशन की कहानी लोगों तक पहुंचाई.
रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट (2022)
ये फिल्म इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन की ज़िंदगी पर बनी है, जिन पर झूठे जासूसी के आरोप लगाए गए थे. आर. माधवन ने इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया और उन्हीं ने नंबी का रोल निभाया. उनके साथ सिमरन और रजित कपूर जैसे कलाकार भी नजर आए. फिल्म में विज्ञान के साथ-साथ एक इंसान के आत्म-सम्मान की लड़ाई भी दिखाई गई है.
कोई… मिल गया (2003)
ये फिल्म भारत में एलियन पर बनी पहली बड़ी फिल्म मानी जाती है. ऋतिक रोशन ने एक मानसिक रूप से कमजोर लड़के का रोल निभाया था, जो एलियन ‘जादू' से मिलता है. प्रीति ज़िंटा, रेखा और जॉनी लीवर ने भी अहम किरदार निभाए थे. इस फिल्म ने एलियन और सुपरपावर को भारत के बच्चों और बड़ों की पसंद बना दिया था.
पीके (2014)
आमिर खान ने इसमें एक एलियन का किरदार निभाया था जो धरती पर आकर इंसानों के धर्म, समाज और विश्वासों को मासूमियत से सवाल करता है. उनके साथ अनुष्का शर्मा, सुशांत सिंह राजपूत और संजय दत्त जैसे कलाकार भी नजर आए थे. फिल्म ने बहुत सारे जरूरी सवाल उठाए और बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई.
चांद पर चढ़ाई (1967)
ये भारत की शुरुआती स्पेस फिल्मों में से एक थी, जिसमें दारा सिंह, अंजलि देवी और महमूद ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं. फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर जाते हैं और वहां एलियन जैसी ताकतों से टकराते हैं.
वहां के लोग (1967)
एक और पुरानी लेकिन दिलचस्प फिल्म जिसमें एलियन और इंसानों की टक्कर दिखाई गई थी. प्रदीप कुमार, मधु और टुनटुन जैसे कलाकारों ने इस फिल्म में काम किया था. इस फिल्म को भारत की पहली यूएफओ बेस्ड फिल्मों में गिना जाता है.
टिक टिक टिक (2018, तमिल)
ये भारत की पहली स्पेस थ्रिलर मानी जाती है, जिसमें दिखाया गया कि एक स्पेस टीम को एस्टेरॉइड से धरती को बचाना है. फिल्म में जयराम रवि, निवेथा पेथुराज और विन्सेंट अशोक ने प्रमुख भूमिकाएं निभाईं. फिल्म का बजट और स्पेशल इफेक्ट्स उस समय के हिसाब से काफी प्रभावशाली थे.
अंतरिक्षम 9000 किमी प्रति घंटा (2018, तेलुगु)
इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे एक नाकाम स्पेस मिशन को दोबारा सफल बनाने के लिए एक पूर्व वैज्ञानिक की मदद ली जाती है. वरुण तेज, अदिति राव हैदरी और लावण्या त्रिपाठी इस फिल्म के प्रमुख कलाकार थे.
कार्गो (2019)
थोड़ी अलग सोच वाली इस फिल्म की कहानी एक स्पेसशिप पर आधारित है, जहां मरने के बाद आत्माओं की प्रोसेसिंग होती है. विक्रांत मैसी और श्वेता त्रिपाठी ने इस फिल्म में काम किया और फिल्म ने साइंस को पौराणिकता से जोड़ने की कोशिश की.
अयलान (2024, तमिल)
ये एक अपकमिंग साइंस फिक्शन फिल्म है जिसमें एक एलियन इंसानों से दोस्ती करता है. फिल्म में शिवकार्तिकेयन, रकुल प्रीत सिंह और शरद केलकर अहम किरदारों में हैं.
जब रियल लाइफ में एक भारतीय स्पेस में उड़ान भरने जा रहा है और पूरे देश की निगाहें उस पर टिकी हैं, तो सिनेमा की ये कहानियां भी हमारे ज़हन में लौट आती हैं. फिल्मों ने हमें स्पेस की कल्पनाओं में उड़ना सिखाया और आज शुभांशु शुक्ला उन्हीं कल्पनाओं को सच कर दिखा रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं