नई दिल्ली:
चीन ने नई पीढ़ी के सत्ता संभालने की तैयारी के बीच कहा कि भारत न केवल उसका ‘महत्वपूर्ण’ पड़ोसी है बल्कि वैश्विक मामलों में एक ‘अत्यावश्यक साझेदार’ भी है और दोनों देश क्षेत्र और विश्व की शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
राजधानी दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के प्रभारी अधिकारी डेंग शीचुन ने कहा कि भारत-चीन संबंधों में तेज प्रगति हुई है और उसने नए रणनीतिक आयाम हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रणनीतिक और सहयोगात्मक साझेदारी को बनाए रखना तथा उसे और प्रोत्साहित करना चीन की राष्ट्रीय नीति है।
डेंग ने यह बात गत सप्ताह राजधानी बीजिंग में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) के 18वें सम्मेलन के परिणाम के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कही जिसमें शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीनी नेतृत्व की नयी पीढ़ी का उद्भव हुआ। उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ सहयोगात्मक साझेदारी को बनाए रखना तथा उसे और प्रोत्साहित करना चीन की राष्ट्रीय नीति है। चीन और भारत विश्व में दो उभरती हुई शक्तियां हैं। दोनों देशों के विकास के रास्ते में अपने अपने मजबूत और कमजोर बिंदु हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिसमें हम सहयोग कर सकते हैं। हम इसके साथ ही एकदूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं। चीन का विकास भारत के लिए और भारत का विकास चीन के लिए एक अवसर है। इसलिए हमें दोनों देशों के लोगों के लाभ के साथ ही क्षेत्र एवं विश्व की शांति एवं समृद्धि के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’
राजधानी दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के प्रभारी अधिकारी डेंग शीचुन ने कहा कि भारत-चीन संबंधों में तेज प्रगति हुई है और उसने नए रणनीतिक आयाम हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रणनीतिक और सहयोगात्मक साझेदारी को बनाए रखना तथा उसे और प्रोत्साहित करना चीन की राष्ट्रीय नीति है।
डेंग ने यह बात गत सप्ताह राजधानी बीजिंग में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) के 18वें सम्मेलन के परिणाम के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कही जिसमें शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीनी नेतृत्व की नयी पीढ़ी का उद्भव हुआ। उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ सहयोगात्मक साझेदारी को बनाए रखना तथा उसे और प्रोत्साहित करना चीन की राष्ट्रीय नीति है। चीन और भारत विश्व में दो उभरती हुई शक्तियां हैं। दोनों देशों के विकास के रास्ते में अपने अपने मजबूत और कमजोर बिंदु हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिसमें हम सहयोग कर सकते हैं। हम इसके साथ ही एकदूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं। चीन का विकास भारत के लिए और भारत का विकास चीन के लिए एक अवसर है। इसलिए हमें दोनों देशों के लोगों के लाभ के साथ ही क्षेत्र एवं विश्व की शांति एवं समृद्धि के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’