दुनियाभर के मुसलमान रमजान के महीने में रोजे रख रहे हैं, लेकिन अगर आप चीन के शिनजियांग इलाके में हैं, तो रोजा नहीं रख सकते। शिनजियांग में वीघर मुसलमान हैं और चीन का आरोप है कि यहां अलगाववाद है इसलिए वह यहां दमन की नीति अपनाता रहा है। आरोप है कि चीन यहां की तहजीब पर हमला कर रहा है। वह यहां हान चीनियों को बसा रहा है। वीघर संगठन कह रहे हैं कि रमजान में चीन की सरकार मुफ्त खाना बांट रही है।
दरअसल, शिनजियांग वीघर मुसलमानों की आबादी वाला इलाका है। यहां सरकारी अफसर और छात्र रोजा नहीं रख सकते। चीन की सरकार ने स्कूलों और सरकारी ऑफिसों को ऑर्डर जारी किया है कि वह रोजा रखने पर बैन लगाएं। यह बैन ऑर्डर स्कूलों और सरकारी ऑफिसों के वेबसाइटों को जारी किए गए हैं। साथ ही पार्टी के सदस्यों टीचरों और नौजवानों पर रमजान में शामिल होने पर रोक है।
खबर है कि रोजे पर बैन का हुक्म बीजिंग के पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो की तरफ से आया है।
पहले शिनजियांग की स्थानीय सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को निर्देश जारी किए किए कि रोजा रखना उनकी सेहत के लिए नुकसान देह हो सकता है इसलिए वह रोजा रखने से परहेज करें। यह हुक्म उन लोगों के लिए भी है, जो रिटायर हो चुके हैं। सरकारी रेडियो और टीवी ने लोगों को याद दिलाते हुए संदेश जारी किया है कि उन्हें रोजा रखने की इजाजत नहीं।
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी और शिनजियांग की लोकल सरकार ने अलगाववाद के डर से ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर भी पाबंदी लगाई है इसलिए नमाज के लिए बहुत सारे लोग एक जगह इकट्टा नहीं हो सकते।
1949 में जब इस इलाके को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में शामिल किया गया तब से बीजिंग का लक्ष्य शिनजियांग को राजनीतिक आर्थिक और सांस्कृतिक तौर पर चीन में पूरी तरह से मिलाना है और गैर हान आबादी को खुद में मिलाना रहा है। इसे हासिल करने के लिए वह दमन,पाबंदी और निवेश की नीति अपनाते रहे हैं। चीन की सरकार यहां के हालात को काबू मे रखने के लिए काफी कड़ाई करती है। मजहबी पाबंदियां भी हैं, लेकिन मजहब के कामों में इस तरह की जोर-जबरदस्ती टकराव और बढ़ा सकती है।
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