- अमेरिकी संसद की रिपोर्ट में बताया गया कि चीन ने राफेल जेट की बिक्री कम करने के लिए फेक न्यूज अभियान चलाया था
- चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद AI की मदद से भारतीय विमानों के नकली मलबे की तस्वीरें बनाई थीं, उन्हें फैलाया था
- चीन ने वीडियो गेम के विजुअल का उपयोग कर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से राफेल के नुकसान को दिखाने का प्रयास किया
चीन की साजिश एक बार फिर सामने आई है. चीन ने राफेल फाइटर जेट की बिक्री को कम करने और अपने खुद के बनाए J-35 फाइटर जेट को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक फेक न्यूज वाला कैंपेन चलाया था. अमेरिकी संसद में यूएस-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और उसके पाले आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और उसमें राफेल जेट ने पाकिस्तान को चोट देने का काम किया था.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपना फेक प्रोपेगेंडा फैलान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से भारतीय विमानों के नकली 'मलबे' वाली तस्वीरें बनाईं. साथ ही उसने वीडियो गेम के विजुअल और तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया. इन सबको फैलाने और फेक कैंपेन चलाने के लिए चीन ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल किया. इसके जरिए चीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि 7-10 मई के बीच भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान भारत के राफेल जेट नष्ट हुए हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बीच पाकिस्तान को चीन की पूरी मदद मिली थी
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान की हर मुमकिन मदद कर रहा था. जुलाई में उपसेना प्रमुख (क्षमता विकास एवं निर्वाह) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने चीन-पाकिस्तान के इस नापाक नेक्सस के बेनकाब किया था. उनके मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान की हर संभव मदद की थी. उनके मुताबिक इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तान चीनी हथियारों की प्रयोगशाल बना हुआ था.
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