बीजिंग:
विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने गुरुवार को कहा कि चीन ने हाल ही में लद्दाख में की गई घुसपैठ के लिए अब तक कोई कारण नहीं बताया है। गौरतलब है कि घुसपैठ की इस घटना से दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए।
खुर्शीद और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई वार्ता में घुसपैठ की वजह से तीन हफ्ते तक कायम रहे गतिरोध का मुद्दा छाया रहा। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने इस मुद्दे के समाधान पर संतोष व्यक्त किया। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई कि आखिर चीनी सेना दौलत बेग सेक्टर में भारतीय सीमा के 19 किलोमीटर भीतर तक कैसे घुस आई थी।
यह पूछे जाने पर कि चीनी सेना ने घुसपैठ क्यों की थी, इस बाबत कुछ स्पष्ट हो पाया, इस पर खुर्शीद ने कहा, स्पष्ट कहूं तो मैंने यह चाहा भी नहीं। हम अपने विश्लेषण के साथ तैयार नहीं हैं। जिस तरह से हमने जवाब दिया, वह हमारे सामने स्पष्ट है। यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ। वे उस पृष्ठभूमि की पेशकश नहीं कर रहे थे और अभी हम भी इस बारे में नहीं पूछ रहे।
खुर्शीद ने कहा कि ज्यादा अहम बात यह है कि न सिर्फ दोनों पक्ष संतोषजनक तरीके से इसके समाधान में सफल रहे, बल्कि यह भी सीखा कि किस तरह यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी घटना भविष्य में न हों और यदि हों भी तो उनसे निपटा किस तरह जाए। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने उकसाने वाली बात मानी, इस पर खुर्शीद ने कहा, आप किसी देश से यह कहने की उम्मीद नहीं कर सकते कि उसने उकसाया। यह दूर-दराज के इलाके में हुआ। सरकार को संदेश देने के लिए इसे लंबा खींचा गया। इसके विश्लेषण में थोड़ा वक्त लगेगा।
विदेशमंत्री ने कहा कि इस वक्त यह सही नहीं है कि उनके और हमारे बीच जिम्मेदारी बांटी जाए। खुर्शीद ने कहा, निश्चित तौर पर उस घटना ने इन सारी चीजों को प्रभावित किया है... यह एक झटका होता। लिहाजा हमें खुशी है कि इसे सही तरीके से सुलझाया गया..।
खुर्शीद और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई वार्ता में घुसपैठ की वजह से तीन हफ्ते तक कायम रहे गतिरोध का मुद्दा छाया रहा। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने इस मुद्दे के समाधान पर संतोष व्यक्त किया। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई कि आखिर चीनी सेना दौलत बेग सेक्टर में भारतीय सीमा के 19 किलोमीटर भीतर तक कैसे घुस आई थी।
यह पूछे जाने पर कि चीनी सेना ने घुसपैठ क्यों की थी, इस बाबत कुछ स्पष्ट हो पाया, इस पर खुर्शीद ने कहा, स्पष्ट कहूं तो मैंने यह चाहा भी नहीं। हम अपने विश्लेषण के साथ तैयार नहीं हैं। जिस तरह से हमने जवाब दिया, वह हमारे सामने स्पष्ट है। यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ। वे उस पृष्ठभूमि की पेशकश नहीं कर रहे थे और अभी हम भी इस बारे में नहीं पूछ रहे।
खुर्शीद ने कहा कि ज्यादा अहम बात यह है कि न सिर्फ दोनों पक्ष संतोषजनक तरीके से इसके समाधान में सफल रहे, बल्कि यह भी सीखा कि किस तरह यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी घटना भविष्य में न हों और यदि हों भी तो उनसे निपटा किस तरह जाए। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने उकसाने वाली बात मानी, इस पर खुर्शीद ने कहा, आप किसी देश से यह कहने की उम्मीद नहीं कर सकते कि उसने उकसाया। यह दूर-दराज के इलाके में हुआ। सरकार को संदेश देने के लिए इसे लंबा खींचा गया। इसके विश्लेषण में थोड़ा वक्त लगेगा।
विदेशमंत्री ने कहा कि इस वक्त यह सही नहीं है कि उनके और हमारे बीच जिम्मेदारी बांटी जाए। खुर्शीद ने कहा, निश्चित तौर पर उस घटना ने इन सारी चीजों को प्रभावित किया है... यह एक झटका होता। लिहाजा हमें खुशी है कि इसे सही तरीके से सुलझाया गया..।
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