- पाकिस्तान आर्थिक संकटों के बावजूद चीन से फाइटर जेट खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बन चुका है
- पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार चीन वैश्विक हथियार सप्लाई में चौथा सबसे बड़ा देश है
- चीन की सरकारी रक्षा कंपनियां अपनी व्यापक विदेश नीति के तहत हथियार निर्यात बढ़ा रही हैं
ड्रैगन की चाल में पाकिस्तान फंसता चला जा रहा है. यह सिर्फ एक स्टेटमेंट नहीं, एक फैक्ट है. जो पाकिस्तान आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है, जिसे अपनी जनता को दो जून की रोटी देने के लिए IMF से खैरात लेनी पड़ती है, वो चीन से फाइटर जेट खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है. इस सप्ताह अमेरिकी संसद को भेजी गई पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन वैश्विक स्तर पर हथियारों की सप्लाई करने वाले प्रमुख देश के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है. और उसने पाकिस्तान को अपना एटीएम मशीन बना रखा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2024 तक, चीन दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हथियारों का सप्लायर देश बना हुआ था. वह मुख्य रूप से एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (एवीआईसी) और नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (नोरिन्को) जैसी सरकारी स्वामित्व वाली रक्षा कंपनियों की मदद से ऐसा कर रहा है. इसमें कहा गया है कि चीन के हथियार निर्यात उसकी व्यापक विदेश नीति और दूसरे देशों में विकास करने के दावे से निकटता से जुड़े हुए हैं. इसमें बेल्ट एंड रोड प्रेमवर्क से जुड़ी पहल भी शामिल है. वो लचीली शर्तों का लालच देता है और इस कारण वह विकासशील देशों को खास तौर पर फुसलाता है.
यह पोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि पाकिस्तान एकमात्र देश है जिसे चीन ने J-10C का निर्यात किया है. मई 2025 तक, चीन ने 2020 में दिए गए दो ऑर्डर के तहत पाकिस्तान वायु सेना को 20 J-10C फाइटर जेट दिए थे, जिसमें कुल ऑर्डर 36 फाइटर जेट के थे. वहीं मिस्र, उज्बेकिस्तान, इंडोनेशिया, ईरान और बांग्लादेश सहित कई अन्य देशों ने भी इस फाइटर जेट के लिए अपनी इच्छा जताई थी, लेकिन पाकिस्तान के अलावा चीन ने अबतक और किसी देश को कोई J-10C निर्यात नहीं किया है.
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