चीन (China) में एक बुजुर्ग को गलती से मरा घोषित कर दिया गया और फिर उसे एक मुर्दाघर भेज दिया गया. इसके बाद बुर्जुर्ग को मुर्दाघर में ज़िंदा पाया गया. शंघाई (Shanghai) इस घटना के बाद अधिकारियों अब जांच शुरु कर दी है. बुजर्ग को एक वृद्धावस्था केंद्र में मरा घोषित किया गया इसके बाद लॉकडाउन झेल रहे शहर में विरोध की नई लहर शुरू हो गई है. चीन (China) के सोशल मीडया पर एक वीडियो सर्कुलेट हो रही है जिसमें दो आदमी जो मुर्दाघर के कर्मचारी दिख रहे हैं वो एक शंघाई के वेलफेयर हॉस्पिटल से बाहर एक पीले रंग का बैग लेकर आते हैं.
यह लोग प्रोटेक्टिव कपड़े पहने हुए थे, उन्हें मुर्दाघर के कर्मचारी के सामने बैग की चेन खोलते दिखाई देते हैं, जिसमें एक आदमी ज़िंदा निकलता है. हॉन्ग कांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सोमवार को यह खबर प्रकाशित की. स्टाफ मेंबर इसके बाद जिंदा होने के संकेत देखता है और फिर बैग से मरीज को यह कहते हुए निकालता है कि उसका दम घुट जाएगा. वीडियो के अनुसार, स्टाफ मेंबर इसके बाद सेंटर में लौट जाता है और सफेद पीपीई किट पहने दिखाई देते हैं और यह लोग बुजुर्ग को वापस ओल्ड एज़ केयर होम ले जाते हैं.
इस घटना से शंघाई के लोगों में डर की नई लहर दौड़ गई है जो पूरे शहर में कई दिनों से सख्त लॉकडाउन के खिलाफ गुस्से में हैं. 28 मार्च के बाद इस शहर के लॉकडाउन में कोई कमी नहीं की गई है. शंघाई की स्थानीय सरकार 26 मिलियन लोगों के शहर में ओमिक्रॉन ऑउटब्रेक की स्थिति को संभालने के मामले में आलोचना का सामना कर रही है. शंघाई 1 मार्च से लॉकडाउन में है जिससे शहर के कई हिस्सों में लोगों कें गुस्सा है.
सीसीटीवी के अनुसार पुतुओ के सिविल अफेयर ब्यूरो ने दावा किया है कि जांच के बाद दोषियों को सजा दी जाएगी. बैग में लाए गए बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और अब उनकी हालत स्थिर है. 1983 में इस केयर सेंटर को स्थापित किया गया था जहां 100 से अधिक बुजुर्ग रहते हैं. सेंटर की तरफ से माफी मांगी गई है. इस बीच शंघाई में कोविड के 7,333 मामले दर्ज किए गए. जिनमें से 720 रविवार को सामने आए. रविवार को शंघाई में 32 लोगों की मौत भी हुई है, जिससे ताजा संक्रमण में कोविड से मरने वालों की कुल संख्या 431 हो गई है.
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