
- बीजिंग में भारतीय समुदाय और अन्य देशों के लोगों ने दीवाली का भव्य उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया.
- दीवाली समारोह में कथक नृत्य, गरबा, भारतीय संगीत और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद सभी उपस्थित लोगों ने लिया.
- जानी-मानी चीनी कथक डांसर जुआन दू और उनके समूह ने भारतीय नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया.
अपनी मातृभूमि से हज़ारों मील दूर विदेश में रहते हुए त्यौहारों और उत्सवों का आयोजन भारतीय लोगों को अलग ही अनुभूति देता है. होली और दीवाली जैसे त्यौहारों के मौके पर तो उत्साह देखते ही बनता है. इसी तरह चीन की राजधानी बीजिंग में दीपों के त्यौहार दीवाली का शानदार आयोजन हुआ. इस सप्ताहांत हुए दीवाली के जश्न में न केवल भारतीयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की, बल्कि चीनी और विदेशी लोगों ने भी दीवाली मनायी. इस दौरान गीत-संगीत, कथक, गरबा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी लोगों ने उठाया.
हाल में एससीओ बैठक के लिए थ्येनचिन आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रदर्शन करने वाली जानी-मानी चीनी कथक डांसर जुआन दू (हिंदी नाम सचिता ) व चांगचिंगह्वेई एंड ग्रुप ने इस मौके पर शानदार प्रस्तुति देकर वहां मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया. जाहिर है कि यह सिर्फ एक दीवाली मिलन समारोह न होकर भारतीय संस्कृति के प्रसार का मंच भी था.इसमें उपस्थित विदेशी मेहमानों ने प्राचीन भारतीय परंपरा और दीवाली के उद्भव के बारे में उत्सुकता जताई. बता दें कि दीवाली का यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की जीत और भगवान राम द्वारा रावण का वध करने के बाद अयोध्या लौटने की खुशी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

जानी-मानी चीनी कथक डांसर जुआन दू (हिंदी नाम सचिता)
मौजूद थे कई देशों के लोग
इससे पहले दीवाली के भव्य समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, इस दौरान दीये, रंगोली और रोशनी से पूरा हॉल जगमगा रहा था. यह बीजिंग व आसपास के शहरों में रहने वाले इंडिन्यस के लिए त्यौहार मनाने के अलावा मेल-जोल बढ़ाने का एक विशेष अवसर था. दीवाली के इस कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोग पारंपरिक वस्त्र पहने हुए थे, जबकि विदेशियों को भारतीय परिधान पहने देख लगा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रति लोगों में कितना लगाव है. बीजिंग इंडिन्यस की ओर से आयोजित दीवाली संध्या में डेढ़ सौ से अधिक लोग मौजूद रहे. इस जश्न भरी शाम का भारतीयों के अलावा दस से अधिक देशों के लोगों ने खूब लुत्फ उठाया.
भारतीय संगीत पर हुआ डांस
एक जहां लोग गरबे की थाप और गानों की तेज़ धुनों पर नाचे, वहीं जानी-मानी नृत्यांगना जुआन दू ने भारतीय परंपरागत कथक नृत्य पेश कर अपनी छाप छोड़ी. साथ ही चांगचिंगह्रेवई व उनके ग्रुप द्वारा प्रस्तुत इंडियन डांस का लोगों ने आनंद लिया. इसके साथ ही इंडी वाइब ग्रुप के गजिंदर शर्मा, केतकी ठकर, लीला भट्ट,देव मेहरा व स्वजस ठकर ने बॉलीवुड के गानों के साथ वहां मौजूद लोगों का मनोरंजन किया. वहीं शिवम मिश्रा ने भांगड़ा कर लोगों का दिल जीता. जबकि छोटे बच्चों ने डांस कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया. इस दौरान चीनी और विदेशी मेहमानों द्वारा किया डांस आकर्षण का केंद्र रहा. इसे डॉ. रेड्डीज़ कंपनी के चाइना हेड और श्रीलंकाई सथीशकुमार हरिहरन व उनकी टीम के चीनी लोगों ने पेश किया. यह इस बात का प्रतीक है कि भारतीय गीत-संगीत विदेशों में कितना लोकप्रिय है.

बीजिंग इंडिन्यस की ओर से दीवाली समारोह लगातार दूसरे साल आयोजित हुआ
बीजिंग इंडिन्यस और इस कार्यक्रम के आयोजक अरुण मोगर ने हमें बताया कि दीवाली समारोह के आयोजन का उद्देश्य चीनी लोगों और विदेशियों को दीवाली के बारे में जानकारी देना है ताकि उन्हें पता लग सके कि यह त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है. इसके साथ ही चीन में रहने वाले भारतीय परिवार और छात्र, जो अपने घर-परिवार से दूर यहां रहते हैं, इस अवसर पर एक साथ लाकर त्यौहार मना सकें.
लगातार दूसरी बार मनी दीवाली
बता दें कि बीजिंग इंडिन्यस की ओर से दीवाली समारोह लगातार दूसरे वर्ष आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के प्रायोजक फार्मा कंपनी डॉ.रेड्डीज कंपनी और द ताज पैवेलियन थे.यह कार्यक्रम बीजिंग स्थित एसी एंबेसी होटल में हुआ. जिसमें लोकप्रिय रेस्टोरेंट द ताज पैवेलियन के प्रमुख महरनोश पस्ताकिया और उनकी टीम ने स्वादिष्ट और लजीज व्यंजन परोसे. इस तरह दीवाली के इस जश्न का लोगों ने भरपूर मजा लिया और अपनी परंपरा, संस्कृति और उत्सव से गहराई से जुड़े. कहा जा सकता है कि चीन में भारतीय परंपरा और संस्कृति का संगम देख लोग अभिभूत हुए.

बीजिंग में दिवाली कार्यक्रम का यह आयोजन अपने घर-परिवार से दूर तमाम लोगों की तीज-त्यौहारों को मनाने और समुदाय से जुड़ने की मजबूत भावना को दर्शाता है. इस माहौल में खुशी के लम्हों और अंधकार पर प्रकाश की जीत का संदेश देते हुए दीवाली का जश्न देर रात तक जारी रहा. इस उम्मीद और भरोसे के साथ कि अगले साल दीवाली के पर्व पर और जोश व उत्साह के साथ लोग मिलेंगे. यह विदेश में रहते हुए अपनी जड़ों से जुड़े रहने और लोगों को एकजुट होने का संदेश भी देता है.
(अनिल आजाद पांडे, लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले कई वर्षों से चीन में कार्यरत हैं)
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