नई दिल्ली:
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे रविवार रात यहां अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंची जिसका उद्देश्य व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा के प्रमुख क्षेत्रों में भारत और ब्रिटेन के संबंधों को मजबूत करना है.
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के बाद थेरेसा मे ने जुलाई में प्रधानमंत्री का कामकाज संभाला था और उसके बाद यूरोप के बाहर यह उनका पहला द्विपक्षीय दौरा है. इस दौरान वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को मुलाकात करेंगी. वह मोदी के साथ संयुक्त रूप से भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन का उद्घाटन भी करेंगी.
लंदन से रवाना होने से पहले थेरेसा मे ने भारत को ब्रिटेन का 'सर्वाधिक महत्वपूर्ण और करीबी' मित्र करार दिया और दुनिया की अग्रणी महाशक्ति कहा. उन्होंने कहा, ''हम ब्रिटेन की सर्वश्रेष्ठ चीजों को प्रोत्साहित करेंगे, यह संदेश देंगे कि हम कारोबार के लिए तैयार हैं.''
उन्होंने कहा, ''मैं इस यात्रा का इस्तेमाल हमारे बीच पहले से बनी हुई रणनीतिक साझेदारी के महत्व को तस्दीक करने में करुंगी जो हमारे दोनों के लिए बड़े फायदे वाली है. इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा में हमारे सहयोग को और आगे ले जाने के हमारे साझा दृष्टिकोण पर काम करने के लिए ठोस कदमों पर सहमति के लिए भी काम करना है.''
थेरेसा मे के साथ ब्रिटेन के वरिष्ठ मंत्री और उद्योगपतियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत आया है. वह मंगलवार को बेंगलुरु जाएंगी जहां वह कुछ औद्योगिक आयोजनों में शिरकत करेंगी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से भी मुलाकात करेंगी.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री (60) के साथ कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल है जिनमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित विदेश मंत्री लियाम फॉक्स और व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स भी हैं. टेरीजा मे की छह से आठ नवंबर की यह भारत यात्रा जून में हुए ऐतिहासिक ब्रेक्जिट जनमत संग्रह की पृष्ठभूमि में हो रही है. गौरतलब है कि नई ब्रिटिश सरकार 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से बाहर के देशों के साथ साझेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करेगी.
लंदन से जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार, ''वह ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन के लिए अपने महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को रखेंगी, यूरोप महाद्वीप के बाहर ब्रिटेन के लिए नई वैश्विक भूमिका पर काम करेंगी. वह भारत के महत्वपूर्ण बाजार में नये और उभरते उद्यमों को और साथ ही स्थापित औद्योगिक संस्थानों को लाकर सभी के लिए काम करने वाली अर्थव्यवस्था के अपने संकल्प को भी रखेंगी.'' बयान के अनुसार उनकी यात्रा के दौरान कई व्यावसायिक समझौते होने की संभावना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के बाद थेरेसा मे ने जुलाई में प्रधानमंत्री का कामकाज संभाला था और उसके बाद यूरोप के बाहर यह उनका पहला द्विपक्षीय दौरा है. इस दौरान वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को मुलाकात करेंगी. वह मोदी के साथ संयुक्त रूप से भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन का उद्घाटन भी करेंगी.
लंदन से रवाना होने से पहले थेरेसा मे ने भारत को ब्रिटेन का 'सर्वाधिक महत्वपूर्ण और करीबी' मित्र करार दिया और दुनिया की अग्रणी महाशक्ति कहा. उन्होंने कहा, ''हम ब्रिटेन की सर्वश्रेष्ठ चीजों को प्रोत्साहित करेंगे, यह संदेश देंगे कि हम कारोबार के लिए तैयार हैं.''
उन्होंने कहा, ''मैं इस यात्रा का इस्तेमाल हमारे बीच पहले से बनी हुई रणनीतिक साझेदारी के महत्व को तस्दीक करने में करुंगी जो हमारे दोनों के लिए बड़े फायदे वाली है. इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा में हमारे सहयोग को और आगे ले जाने के हमारे साझा दृष्टिकोण पर काम करने के लिए ठोस कदमों पर सहमति के लिए भी काम करना है.''
थेरेसा मे के साथ ब्रिटेन के वरिष्ठ मंत्री और उद्योगपतियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत आया है. वह मंगलवार को बेंगलुरु जाएंगी जहां वह कुछ औद्योगिक आयोजनों में शिरकत करेंगी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से भी मुलाकात करेंगी.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री (60) के साथ कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल है जिनमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित विदेश मंत्री लियाम फॉक्स और व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स भी हैं. टेरीजा मे की छह से आठ नवंबर की यह भारत यात्रा जून में हुए ऐतिहासिक ब्रेक्जिट जनमत संग्रह की पृष्ठभूमि में हो रही है. गौरतलब है कि नई ब्रिटिश सरकार 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से बाहर के देशों के साथ साझेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करेगी.
लंदन से जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार, ''वह ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन के लिए अपने महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को रखेंगी, यूरोप महाद्वीप के बाहर ब्रिटेन के लिए नई वैश्विक भूमिका पर काम करेंगी. वह भारत के महत्वपूर्ण बाजार में नये और उभरते उद्यमों को और साथ ही स्थापित औद्योगिक संस्थानों को लाकर सभी के लिए काम करने वाली अर्थव्यवस्था के अपने संकल्प को भी रखेंगी.'' बयान के अनुसार उनकी यात्रा के दौरान कई व्यावसायिक समझौते होने की संभावना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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