लंदन:
ब्रिटेन के प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटन ने अपने नवजात बेटे का नाम जॉर्ज एलेक्जेंडर लुइस (George Alexander Louis) रखा है। राजमहल द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ''ड्यूक और डचेज ऑफ कैम्ब्रिज इसका ऐलान करके बहुत खुश हैं कि उन्होंने अपने बेटे का नाम जॉर्ज एलेक्जेंडर लुइस रखा है... यह बच्चा हिज़ रॉयल हाईनेस प्रिंस जॉर्ज ऑफ कैम्ब्रिज के नाम से जाना जाएगा।''
उल्लेखनीय है कि शाही परिवार के प्रशंसकों के बीच इस नवजात बच्चे के नाम को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं, और सटोरियों के बीच भी जॉर्ज नाम काफी पसंदीदा बन गया था। ख़बर है कि महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने बच्चे को पहली बार देखने के बाद उसके लिए प्रिंस जॉर्ज नाम सुझाया था।
राजगद्दी के वारिसों में तीसरे नंबर पर स्थापित हुए प्रिंस जॉर्ज ऑफ कैम्ब्रिज का जन्म सोमवार, 22 जुलाई, 2013 को सेंट मेरी अस्पताल के लिंडो विंग में हुआ था। वैसे यह ब्रिटेन में वर्ष 1894 के बाद पहला मौका है, जब राजगद्दी के तीसरी पीढ़ी तक के पुरुष वारिस जीवित हैं। 'द सन' के मुताबिक, अगर नवजात के पिता प्रिंस विलियम राजा बनते हैं और अपनी दादी की उम्र (87 साल) तक गद्दी पर रहते हैं तो यह बच्चा 22वीं सदी में ही राजा बन पाएगा।
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फोटो गैलरी : देखिए, नए राजकुमार की तस्वीरें...
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बच्चे के जन्म के बाद प्रिंस विलियम और केट मिडलटन उसके साथ पहली बार मंगलवार को जनता के सामने आए। भारतीय समयानुसार मंगलवार को रात पौने बारह बजे दोनों सेंट मेरी अस्पताल से बाहर निकले थे, और उस समय सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां मौजूद थी। इस मौके पर प्रिंस विलियम ने लोगों से कहा था कि बच्चे की शक्ल मां पर गई है, जबकि केट मिडलटन ने कहा कि इस अनुभव को बयान करना मुमकिन नहीं है।
यह भी ख़बर है कि नए राजकुमार के आगमन की खुशी में ब्रिटेन की शाही टकसाल 2,013 नवजात बच्चों को चांदी के 'लकी' सिक्के देगी, क्योंकि ये बच्चे उसी दिन जन्मे हैं, जिस दिन प्रिंस जॉर्ज एलेक्जेंडर लुइस ऑफ कैम्ब्रिज का जन्म हुआ। शाही टकसाल के यादगार सिक्का विभाग के निदेशक शेन बिसेट ने कहा कि नवजात बच्चों के अभिभावकों को एक विशेष फेसबुक पेज के जरिये 60 दिन के भीतर इसके लिए आवेदन करना होगा।
उल्लेखनीय है कि शाही परिवार के प्रशंसकों के बीच इस नवजात बच्चे के नाम को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं, और सटोरियों के बीच भी जॉर्ज नाम काफी पसंदीदा बन गया था। ख़बर है कि महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने बच्चे को पहली बार देखने के बाद उसके लिए प्रिंस जॉर्ज नाम सुझाया था।
राजगद्दी के वारिसों में तीसरे नंबर पर स्थापित हुए प्रिंस जॉर्ज ऑफ कैम्ब्रिज का जन्म सोमवार, 22 जुलाई, 2013 को सेंट मेरी अस्पताल के लिंडो विंग में हुआ था। वैसे यह ब्रिटेन में वर्ष 1894 के बाद पहला मौका है, जब राजगद्दी के तीसरी पीढ़ी तक के पुरुष वारिस जीवित हैं। 'द सन' के मुताबिक, अगर नवजात के पिता प्रिंस विलियम राजा बनते हैं और अपनी दादी की उम्र (87 साल) तक गद्दी पर रहते हैं तो यह बच्चा 22वीं सदी में ही राजा बन पाएगा।
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बच्चे के जन्म के बाद प्रिंस विलियम और केट मिडलटन उसके साथ पहली बार मंगलवार को जनता के सामने आए। भारतीय समयानुसार मंगलवार को रात पौने बारह बजे दोनों सेंट मेरी अस्पताल से बाहर निकले थे, और उस समय सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां मौजूद थी। इस मौके पर प्रिंस विलियम ने लोगों से कहा था कि बच्चे की शक्ल मां पर गई है, जबकि केट मिडलटन ने कहा कि इस अनुभव को बयान करना मुमकिन नहीं है।
यह भी ख़बर है कि नए राजकुमार के आगमन की खुशी में ब्रिटेन की शाही टकसाल 2,013 नवजात बच्चों को चांदी के 'लकी' सिक्के देगी, क्योंकि ये बच्चे उसी दिन जन्मे हैं, जिस दिन प्रिंस जॉर्ज एलेक्जेंडर लुइस ऑफ कैम्ब्रिज का जन्म हुआ। शाही टकसाल के यादगार सिक्का विभाग के निदेशक शेन बिसेट ने कहा कि नवजात बच्चों के अभिभावकों को एक विशेष फेसबुक पेज के जरिये 60 दिन के भीतर इसके लिए आवेदन करना होगा।
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