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This Article is From Apr 01, 2017

ब्राजील: राष्ट्रपति चुनाव की वैधता पर कोर्ट सुनाएगा फैसला

ब्राजील: राष्ट्रपति चुनाव की वैधता पर कोर्ट सुनाएगा फैसला
अमेरिका का सबसे बड़ा देश ब्राजील अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमेर एक और संकट के मुहाने पर
अदालत उनके राष्ट्रपति पद के चुनाव को ही अवैध ठहरा सकती है
ब्राजील में भ्रष्टाचार के बड़े घोटाले के साथ ही दो साल से मंदी का दौर है
ब्रासीलिया: पहले से ही संकट में घिरे ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमेर एक और संकट के मुहाने पर हैं, क्योंकि अगले सप्ताह एक अदालत उनके राष्ट्रपति पद के चुनाव को ही अवैध ठहरा सकती है. हालांकि इस बात की पूरी उम्मीद है कि टेमेर इससे बच निकलने का रास्ता खोज लेंगे, लेकिन एक तथ्य यह भी है कि अदालत का इस तरह के मुद्दे पर विचार करना यह दर्शाता है कि लातिन अमेरिका का सबसे बड़ा देश किस कदर अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है. यहां भ्रष्टाचार के बड़े घोटाले के साथ ही दो साल से मंदी का दौर है. यह मामला 2014 का है, जब वामपंथी डिलमा रौसेफ फिर से ब्राजील के राष्ट्रपति बने थे और टेमेर भी उन्हीं की पार्टी से ब्राजील के उपराष्ट्रपति बने थे. इस मामले पर मंगलवार को विचार-विमर्श शुरू होगा, जो सप्ताह भर चलेगा.

हटाई गयीं थीं ब्राजील की राष्ट्रपति

पिछले साल सितंबर में ब्राजील  की पहली महिला राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ को उनके पद से हटा दिया गया था. उन्हें देश के बजट में गड़बड़ी के आरोप में हटाया गया था. ब्राजील की संसद में राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ को पद से हटाने के पक्ष में जरूरी दो तिहाई वोट पड़े थे. इस तरह लातिन अमेरिका के सबसे बड़े आर्थिक संपन्न देश में वामपंथी वर्कर्स पार्टी के 13 वर्ष के शासन की समाप्ति हो गई. सीनेट की ओर से डिल्मा रॉसेफ के खिलाफ सरकारी बैंको के धन का गैरकानूनी उपयोग किए जाने के मामले में महाभियोग प्रक्रिया का प्रस्ताव लाया गया था.

रॉसेफ का कार्यकाल एक जनवरी 2019 को खत्म होने वाला था, अब कार्यकारी राष्ट्रपति मिशेल टेमर ये कार्यकाल पूरा करेंगे नरम-दक्षिणपंथी पीएमडीबी पार्टी के नेता मिशेल टेमर को जल्द ही राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी.

डिल्मा रॉसेफ पर देश के बजट में गड़बड़ी के आरोप हैं, दूसरी तरफ ब्राजील की पहली महिला राष्ट्रपति ने किसी प्रकार के गैरकानूनी कार्य में संलिप्तता से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि महाभियोग का लक्ष्य देश के पूंजीपतियों के हितों का संरक्षण और ब्राजील के गरीब लोगों के लिए चलाए जा रहे सामाजिक कार्यक्रमों को बंद करना है. इन सामाजिक कार्यक्रमों से ही पिछले दशक के दौरान लाखों गरीब गरीबी से उबर सके.  सीनेट में 61 सीनेटरों ने महाभियोग के पक्ष में और 20 सीनेटरों ने महाभियोग के ख़िलाफ़ वोट डाले गये थे.

1947 में बेलो हॉरिज़ॉन्ट में पैदा हुई जिल्मा रूसेफ के पिता बुल्गेरियाई अप्रवासी थी. 1964 में जिल्मा ब्राजील की सैन्य तानाशाही के खिलाफ वामदलों के आंदोलन से जुड़ीं. इस आंदोलन के दौरान तीन साल जेल में भी रहीं. 2011 में वो ब्राजील की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं और 2014 में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीतीं.
इनपुट: भाषा

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