अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहना काफी मुश्किल है क्योंकि जीरो ग्रैविटी में हमारे शरीर में काफी बदलाव आते हैं. पृथ्वी पर किए जाने वाले सामान्य कामों को जीरो ग्रैविटी में कर पाना काफी मुश्किल होता है और इसमें से एक टॉयलेट जाना है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) में एक भी टॉयलेट काम नहीं कर रहा है.
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रूस की एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) के मुताबिक, आईएसएस में केवल 2 टॉयलेट हैं. दोनों रूस द्वारा बनाए गए हैं. इनमें से एक यूएस सेक्शन में है और दूसरा रूस के सेक्शन में है. हालांकि, इनमें से एक ब्रिम तक पूरा भरा हुआ है और इस वजह से इसके इस्तेमाल को बंद कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि आईएसएस में मौजूद एस्ट्रोनॉट के पास अब केवल एक ही टॉयलेट है लेकिन वो भी खराब हो गया.
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इस परेशानी के कारण एस्ट्रोनॉट को या तो सारा टाइम डायपर पहन कर रहना पड़ रहा है या फिर वो सोयूज स्पेसशिप में मौजूद टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें आईएसएस ने डॉक किया हुआ है. हालांकि, कुछ देर बाद ही टॉयलेट ठीक हो गया. रॉसकॉसमॉस ने अपने दूसरे अपडेट में बताया कि जिस टॉयलेट ने काम करना बंद कर दिया था, उसके सेपरेटर को बदलने की जरूरत थी और इसे अब ठीक कर दिया गया है और अब यह दोबारा ठीक से काम कर रहा है.
जीरो ग्रैविटी में कैसे काम करते हैं टॉयलेट
अगर आप सोच रहे हैं कि आईएएस में टॉयलेट कैसे काम करते हैं तो आपको बता दें कि दोनों - नबंर एक और नंबर दो के लिए दो आउटलेट हैं. इन दोनों आउटलेट्स में सक्शन फैन लगे हुए हैं जो वेस्ट को खींच कर उसे सीधे बाहर फेंक देते हैं, जिससे वो आईएएस के अंदर नहीं घूमते रहते.
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