इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री मरहूम बेनजीर भुट्टो और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के लाडले बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को पाकिस्तान की सियासत में औपचारिक रूप से कदम रख दिया।
इस अहम मौके पर बिलावल ने दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपने मुल्क की हिफाजत करेंगे और लोकतांत्रिक व्यवस्था को तानाशाहों और आतंकवादियों से महफूज रखेंगे।
उन्होंने अपनी मां की हत्या के गुनाहगारों के खिलाफ कार्रवाई करने में कमी को लेकर न्यायपालिका को भी निशाने पर लिया। पांच साल पहले आज ही के दिन रावलपिंडी में हुए एक हमले में बेनजीर की मौत हो गई थी।
वह बेनजीर की पांचवीं पुण्यतिथि के मौके पर सिंध प्रांत के गढ़ी खुदा बक्स में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहां हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
बिलावल ने कहा, ‘‘मैं बेनजीर भुट्टो की गवाही के साथ कसम लेता हूं कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) किसी तानाशाह को अवाम के अधिकारों को छीनने की इजाजत नहीं देगी और पीपीपी किसी दहशतगर्द से डरेगी नहीं।’’
बिलावल के औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखने को लेकर पीपीपी कार्यकर्ताओं में गजब का जोश का देखा गया। यह बात दीगर है कि बिलावल अगले साल सितंबर में 25 साल के होंगे और तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते। माना जा रहा है कि अलगे साल होने वाले आम चुनाव में वह पार्टी का नेतृत्व करेंगे। भावुक बिलावल ने कहा, ‘‘हमने लोकतंत्र का ऐसा कठिन रास्ता चुना है जिसमें आंसू, कांटे और पत्थर हैं। पीपीपी आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी दीवार है, जबकि दूसरे राजनीतिक दल आतंकवादियों के नाम लेने से डरते हैं।’’
बिलावल ने सवाल किया कि देश के प्रधान न्यायाधीश ने उनके पिता जरदारी की ओर से दिए आवेदन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जिसमें जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करने की गुजारिश की गई थी।
इस अहम मौके पर बिलावल ने दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपने मुल्क की हिफाजत करेंगे और लोकतांत्रिक व्यवस्था को तानाशाहों और आतंकवादियों से महफूज रखेंगे।
उन्होंने अपनी मां की हत्या के गुनाहगारों के खिलाफ कार्रवाई करने में कमी को लेकर न्यायपालिका को भी निशाने पर लिया। पांच साल पहले आज ही के दिन रावलपिंडी में हुए एक हमले में बेनजीर की मौत हो गई थी।
वह बेनजीर की पांचवीं पुण्यतिथि के मौके पर सिंध प्रांत के गढ़ी खुदा बक्स में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहां हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
बिलावल ने कहा, ‘‘मैं बेनजीर भुट्टो की गवाही के साथ कसम लेता हूं कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) किसी तानाशाह को अवाम के अधिकारों को छीनने की इजाजत नहीं देगी और पीपीपी किसी दहशतगर्द से डरेगी नहीं।’’
बिलावल के औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखने को लेकर पीपीपी कार्यकर्ताओं में गजब का जोश का देखा गया। यह बात दीगर है कि बिलावल अगले साल सितंबर में 25 साल के होंगे और तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते। माना जा रहा है कि अलगे साल होने वाले आम चुनाव में वह पार्टी का नेतृत्व करेंगे। भावुक बिलावल ने कहा, ‘‘हमने लोकतंत्र का ऐसा कठिन रास्ता चुना है जिसमें आंसू, कांटे और पत्थर हैं। पीपीपी आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी दीवार है, जबकि दूसरे राजनीतिक दल आतंकवादियों के नाम लेने से डरते हैं।’’
बिलावल ने सवाल किया कि देश के प्रधान न्यायाधीश ने उनके पिता जरदारी की ओर से दिए आवेदन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जिसमें जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करने की गुजारिश की गई थी।
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